Saturday 5 July 2014

वो वही हवा अब रुक चुकी है .... वो वही लहर अब समतल हो चुकी है .... वो वही सुनामी अब ठंडी पड़ चुकी है .... जिनके बलबूते आप यहाँ तक आ टपके थे !!! 
अब तो बस उस अदद आंधी का इंतज़ार है जो आपको हमसे दूर उड़ा ले जाय ....
और बहे वो बयार जो गरीब को ठंडक पहुँचाए !!!

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अच्छे दिन आने वाले हैं ! ये अभी तक कल्पना है !!
अच्छों के दिन लद गए हैं ! यह कड़वी सच्चाई है !!

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