एक थोड़े से पहले जमाने के तुर्रमखाँ थे..
कपडे उतार के सो रहे थे.. रात के 3.30 बजे थे.. मच्छरों ने काटना शुरू किया..
उठाई HIT और स्प्रे कर मुगालते में सो गए..
4.30 बजे चोरों का टोला घुस गया.. नींद खुली तो आदतन ललकारने लगे..
मौका देख सभी चोर पिल पड़े.. दे मार दे मार.. सुबह तक मारते रहे.. फिर सब कुछ ले चलते बने..
तुर्रमखाँ कपड़े पहन बाहर निकले और चिल्लाने लगे - चोर चोर चोर !!..
भीड़ इकठ्ठा हुई - पुलिस भी आई - सबने पूछा क्या हुआ ??
चोर घुस गए थे !!..
कितने थे ??..
नहीं बताऊंगा कितने थे.. खबरदार किसी ने पूछा कितने थे..
मत पूछो.. नहीं बताऊंगा.. नहीं बताऊंगा..
बस तब से बदहवास यही बड़बड़ा रहे हैं कि "मत पूछो - मत पूछो कितने थे"..
मैं तो HIT कर के सो रहा था कि.. .. ..
और लोग समझ गए थे कि तुर्रमखाँ चोरों की गिनती क्यों नहीं बता रहे थे !!..
मॉरल ऑफ़ द बकवास स्टोरी : रात के 3.30 बजे HIT नहीं करनी चाहिए - और पूरी आस्तीन के कपड़े पहन कर सोना चाहिए - नंगे नहीं !!.. समझे !!..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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