Friday 1 March 2019

// "बताने" और "बतला देने" में तो दुश्मन अव्वल.. अपने तो केवल छुपने-छुपाने वाले..//


वो तो पाकिस्तान था.. जिसने हमारे गिराए गए मिग के पायलट को वहां कब्ज़े में लेते ही प्रमाण सहित तथ्य बता दिए - और फिर ये भी बता दिया कि उसे कब और कैसे छोड़ रहे हैं..

वो तो जैश-ए-मोहम्मद था.. जिसने पुलवामा हमले के तुरंत बाद ही बता दिया कि हमला उसने किया था..

अन्यथा तो अपने वालों को कुछ तो मालुम रहता है और सबकुछ मालुम नहीं भी रहता - और इसलिए कुछ तो भी बता दिया कुछ तो भी छुपा लिया.. और वो इसलिए कि मोदी है तो मुमकिन है..

मसलन :
जो अपन ने ऍफ़-१६ के परखच्चे उड़ाए थे वो परखच्चे कहाँ उड़े कहाँ टपके - पता नहीं.. 
जैसे आज तक ये नहीं पता लगा या हमें बताया कि पुलवामा हमले के लिए बारूद कितना था और कहाँ से आया और कौन लाया और कैसे ले आया..
जैसे पहले वाली सर्जिकल स्ट्राइक में क्या किया क्या नहीं किया कुछ साफ़ नहीं हुआ - कुछ साफ़-साफ़ बताया भी नहीं - और बताया भी तो विलम्बित किश्तों में - वो भी पूछने वालों को मनमर्ज़ी मुफ्त सर्टिफिकेट बांटते हुए..
जैसे बालकोट प्रतिकार में कितने मारे - आधिकारिक रूप से कुछ नहीं बताया - पर भक्तों के द्वारा ये पूरे दावे से बुलवा दिया कि ३०० या ४०० या ४५० मारे.. और जितने भी मारे गिन के मारे.. और जितने भी बताए भक्तों के द्वारा गिन-गिन के ही बताए - और जब-जब जितने भी गिने वो ३०० से कम तो थे ही नहीं - और जो जयचंद विभीषण ३०० से कम बताए वो गिनने पाकिस्तान चला जाए..

और जैसे कि राफेल के बारे में भी देश को कुछ नहीं बताया सिवाय इसके कि गोपनीयता सर्वोपरि.. और जो बताया बस बता दिया या उगल दिया या उगलना पड़ा..

यानि कुल मिला के कहूँ तो सार यही निकलता है कि..
"बताने" और "बतला देने" में तो दुश्मन ही अव्वल निकला..
अपने वाले तो केवल छुपने-छुपाने वाले ही निकले !!..

वैसे कुछ बात तो मैं अपनी भी बता ही देता हूँ..
मैं देशभक्त था हूँ और रहूंगा..
और मैं अपनी सेना और देश के साथ.. पर मोदी के खिलाफ खड़ा हूँ !!..
जय हिन्द !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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