नाव तो होती ही है तारने के लिए..
और नाडा तो होता ही है बाँधने के लिए..
अब जिन चौकीदारों के नाड़े खुल गए हैं..
वे कह रहे हैं कि प्रियंका की नाव में छेद होगा !!..
और जिन चौकीदारों के नाड़े टूट गए हैं..
वे कह रहे हैं कि प्रियंका की नाव डूब जाएगी !!..
और जिन चौकीदारों के नाड़े खोल दिए गए हैं..
वे तिलमिलाए कह रहे हैं कि प्रियंका की नाव पार ही नहीं होने देंगे !!..
खैर प्रियंका की नाव से गंगा यात्रा 2 दिन और चलेगी - और 2 दिन बाद ये पता चल जाएगा कि उनकी नाव पार लगी कि नहीं.. और 2 महीने बाद ये भी पता चल ही जाएगा कि चौकीदारों के नाड़े क्यों खुले या टूटे या खोले गए !!..
वैसे मेरा अनुमान है कि.. 2 दिन बाद प्रियंका की नाव बिना डूबे अपने गंतव्य पर पहुँच जाएगी..
और मेरा अरमान है कि.. चौकीदारों के पायजामों के नाड़े ऐसे टूटें जैसे किसी "बदनसीब" के अरमान !!..
कहिए श्रीमान !!.. इस "खुशनसीब" के अनुमान सटीक लगे या अरमान ??..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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