Saturday 12 March 2016

// तो क्या हमारी सेना छुईमुई .. और मोदी का मनोबल सेना से भी ज्यादा ?? ..//


ललित मोदी भाग गया था - वापस  नहीं आया - फिर हुआ क्या ?? .. ज्यादा पता भी नहीं चला - बताया भी नहीं गया - शायद मानवीय आधार पर सब कुछ भुला सा दिया गया था ....

पर नास पिटे माल्या का - वो भी भाग गया - और सब कुछ फिर ताज़ा हो गया .... फिर वैसे ही प्रश्न हवा में और वैसे ही आरोप - और वैसा ही बेशर्म सा बचाव ....

यानि एक बार फिर सभी सरकारी एजेंसियों पर प्रश्न पूछे जा रहे हैं - ईडी - आईटी - सीबीआई - आदि सब से .... और वही मीडिया वही मोडिया और वही पत्रकार और वैसी ही किटर-पिटर जारी है .... और लोग आरोप लगा रहे हैं छोटे मोटे अधिकारीयों और मंत्रियों और कारोबारियों और बैंकरों से लेकर प्रधानमंत्री तक पर ....

यानि आज फिर से लोग उद्वेलित हो प्रश्न पूछ रहे हैं .. जी हाँ हमारे देश की पूरी व्यवस्था पर - पूरे तामझाम पर - पूरी सरकार पर - पूरी संवैधानिक व्यवस्था पर .... यानि लोग देश की पूरी व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं .. धिक्कार भी रहे हैं .... 

लेकिन अफ़सोस कि इतने खुल्लमखुल्ला व्यापक प्रतिरोध और आरोपों को कोई भी "देशद्रोह" की संज्ञा नहीं दे रहा है !!!! आश्चर्य ना ?? 

जबकि एक अदने से कन्हैया ने हमारी सेना को सम्मान देते हुए उस सेना के चंद आरोपित जवानों पर एक प्रतिक्रिया क्या दे दी - सब मिर्ची में लपट तेल के कड़ाहे में कूद उछल कूद करने लगे .... जल भुन तल गए .. पक गए ....

और दलील क्या ?? .. कि ऐसे वक्तव्यों से सेना के मनोबल पर असर पड़ता है .... वाह रे हमारी छुईमुई सेना - कन्हैया ने कुछ आरोप लगा दिया तो मनोबल गिर जाएगा ?? .... और माल्या भाग लिया और पूरा देश आरोप लगा रहा है तो हमारे मोदी जी का मनोबल नहीं गिर रहा क्या ?? .. क्या मोदी जी सेना से भी ज्यादा मनोबल वाले ?? .. तो फिर क्यों नहीं मोदी जी को सियाचिन भेजा जाए ??

और मैं सोच रहा हूँ कि क्या सेना हमारी व्यवस्था का अभिन्न अंग नहीं ?? .... और क्या हमें हमारी सभी व्यवस्थाओं पर कुछ टीका-टिप्पणी करने का अधिकार भी नहीं ?? .. बल्कि क्या ऐसा करना हमारा दायित्व नहीं ??

सोचियेगा - जरूर सोचियेगा - और शायद तब जान पाइएगा कि यदि आज हर कोई माल्या पर बोल रहा है या देशहित में इस देश की व्यवस्था पर बोल रहा है - तो हो सकता है कन्हैया भी कुछ ऐसा ही कर रहा होगा ....

और यदि कन्हैया कुछ झूठ या अपुष्ट या मनगढंत बोल रहा है तो सावधान !! .... माल्या बेचारा तो अभी नया नया है - ललित मोदी ही कहाँ दोषी सिद्ध हो पाया है ?? .. और हमारे सत्ताधीशों की भी पूरी पोल अभी कहाँ खुली है .... अभी तो कन्हैया ने जनम ही लिया है - पूरी रास लीला तो बाकी बची है !!

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