Monday 28 March 2016

// "लोकतंत्र की हत्या" .. श्रद्धांजलि किसे दें ?? ....//


उत्तराखंड में एक चुनी हुई सरकार गिरा दी गई - "संवैधानिक संकट" के नाम पर ....

और उसके बाद कांग्रेस कह रही है "लोकतंत्र की हत्या" हो गई .. कांग्रेसी विधायक भी और मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत भी यही कह रहे हैं कि "लोकतंत्र की हत्या" हो गई .... और तो और मज़े की बात ये है कि भाजपा - उसके विधायक - उसके पार्टी पदाधिकारी - उसके प्रवक्ता - और जेटली जी - ये सब भी कह रहे हैं कि "लोकतंत्र की हत्या" हो गई .... और कांग्रेस के बागी विधायक भी यही कह रहे हैं कि "लोकतंत्र की हत्या" हो गई ....

और मेरा तो दावा है कि आप देवभूमि के किसी भी गधे घोड़े कुत्ते सूअर या तोते या मैना या चंगु मंगू तक से भी यदि पूछ लेंगे तो वो इस बात की पुष्टि कर देगा कि उत्तराखंड में "लोकतंत्र की हत्या" हो गई है ....

और क्योंकि मैं भी डंके की चोट पर कहता हूँ कि उत्तराखंड में "लोकतंत्र की हत्या" हो गई है .... इसलिए ये तो मानना ही पड़ेगा कि "लोकतंत्र की हत्या" हो गई है ....

पर इसके आगे प्रश्न ये उठता है कि - हत्या के बाद लाश कहाँ है ?? .. पोस्टमार्टम रिपोर्ट कब आएगी ?? .. हत्या किसने की ?? .. हत्या किसने करवाई ?? .. साज़िश में कौन कौन शामिल ?? .. हत्यारों का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा ?? .. उनके द्वारा ये कौनसी वारदात ?? .. हत्यारों की उम्र और चरित्र कैसा ?? .. हत्यारे कहीं नाबालिग तो नहीं ?? .. मामले की तफ्तीश कौन कर रहा है ?? .. कहीं हत्या के आरोपित ही तो तफ्तीश का काम नहीं कर रहे ??

और ये बेचारा गरीब मासूम कमज़ोर "लोकतंत्र" किसकी पैदाइश था - और किसके लिए था ??

और "लोकतंत्र की हत्या" के बाद अब आगे क्या ?? .. क्या इसके हत्यारे पकडे जाएंगे ?? .. क्या लोकतंत्र पुनर्जीवित हो सकेगा ??

और सबसे बड़ा सवाल - ये "लोकतंत्र की हत्या" की श्रद्धांजलि किसको दी जाए ?? .. और कौन ये श्रद्धांजलि स्वीकार्य करने को तैयार होगा ?? ....

मुझे लगता है कि "लोकतंत्र की हत्या" के लिए मुझे श्रद्धांजलि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को ही देना बनती है .. क्योंकि लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में ही तो वो पदासीन हो लिए थे .... और उनकी नाक के नीचे - उनके ही हस्तक्षेप और उनकी ही पहल और उनके ही वर्चस्व में - तथा उनकी ही "५६" इंची छाती के बाजू से निकले बाजुओं में लगे हाथों से हस्ताक्षरित अभिलेखों के कारण ही तो उत्तराखंड में एक चुनी हुई सरकार धारा "३५६" के अंतर्गत गिरा दी गई - जिसके कारण सर्वत्र कोहराम मचा है कि "लोकतंत्र की हत्या" हो गई ....

इसलिए मोदी जी को आज मेरी तरफ से "लोकतंत्र की हत्या" हो जाने पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि !!

आशा है देशहित में वो मेरी ये श्रद्धांजलि स्वीकार्य करेंगे और उचित क्रियाकर्म का भी इंतज़ाम करेंगे .. साथियों और भक्तों को जश्न मनाने से रोकते हुए शोकसभा का आयोजन भी शीघ्र करेंगे - और चौथे - बारहवे - या तेरहवीं - या ससमय उपयुक्त उठवाने की घोषण भी शीघ्र कर सफल आयोजन करेंगे .... यानि इस देश को सुचारू रूप से "लोकतंत्र" से पूर्ण पुख्ता मुक्ति दिलवाएंगे - और समस्त कर्मकांडों के द्वारा "लोकतंत्र की आत्मा" को शांति प्राप्त करवाएंगे ....

अब मोदी जी से मैं इस से ज्यादा की अपेक्षा भी तो नहीं कर सकता .... है ना !!

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