Saturday 11 February 2017

/.. भोपाल जेल से ही तो भागे थे - मार दिए गए थे - आतंकी थे साले - काहे की कोर्ट कचहरी ?? .. ..

विरासत में मिली थी ना ऐसी ही कार्यप्रणाली .. थाने में उल्टा टांग - दे मार मार चमड़ी उधेड़ी थी - और फिर नमक मिर्च का छिड़कांव - बलात्कारी थे साले - काहे के मानवाधिकार ?? .. ..

ISI की जासूसी करते अपने वाले ११ धरा गए .. कानून अपना काम करेगा !! ?? !! .. ..

और इसलिये मेरा दिमाग अपना काम कर रहा है .. कह रहा है .. हमें वहशी नहीं बनना है .. हमें कानून का राज स्थापित करना है .. हमें सरकार में ऐसे धाकड़ लोग नहीं चाहिए जो कानून अपने हाथ में लेकर अपनी पीठ ठोकें - हमें सरकार में ऐसे सभ्य लोग चाहिए जो तर्कसंगत फायदेमंद उपयुक्त कानून बनाएं - और हमें गुंडों बदमाशों से कानून के भरोसे संरक्षण दे .. हमें गुंडे बदमाशों से गैरकानूजी सहायता संरक्षण नहीं चाहिए .. और इसलिए हमें भाजपा की सरकार से मुक्ति चाहिए .. !! जय हिन्द !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

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