बेचारे सत्ताधारी और बेचारी सरकारें !! .. नौकरी के लिए पद होता है एक तो आवेदन आ जाते हैं हज़ारों लाखों !!..
तो अब ये बेचारे पद भरें भी तो कैसे ??..
बस इसी प्रकार मेरी इन सत्ताधारियों को जब तब एक गाली देने की इच्छा होती है तो दिमाग में हज़ारों गालियां आ जाती हैं.. पर मैं हिम्मत नहीं हारता और टुच्चों को एक आध तो टिका ही देता हूँ..
और इन टुच्चे नाकारा नालायकों और मुझ में एक फर्क ये भी है..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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