कासगंज हिंसा..
३-४ दिन कासगंज जलता रहा.. या उन्मादियों की गिरफ्त में रहा.. दहशत में रहा.. किसी के संरक्षण में हिंसा और अराजकता का गवाह बना..
और कासगंज के डीएम आर पी सिंह 'आजतक' के अभी प्रसारित 'हल्ला बोल' पर बड़े मासूम से अनजान से बने अंजना ओम को जवाब सफाई देते पाए गए.. या यूँ कहूँ कि निरी कोरी बकवास करते पाए गए.. और दोषियों के विरुद्ध कुछ भी स्पष्ट कहने से बचते पाए गए.. और बहुत कुछ अस्पष्ट कहते पाए गए..
और इस डीएम के विरुद्ध अभी तक कोई कार्यवाही तक नहीं हुई है..
बस इसलिए.. कासगंज की हिंसा के पीछे कौन है मुझे स्पष्ट हो चला है..
और हाँ.. अंजना ने बहस के पहले घोषित किया कि कोई किसी के बीच में नहीं बोलेगा.. और सबसे पहले भाजपाई को निर्बाध बात करने का मौका दिया.. पर जैसे ही दूसरों की बारी आई तो भाजपाई पात्रा और संघी राकेश सिन्हा बीच में टपके और अंजना की तो जैसे बांछें खिल गईं.. पर मुंह पर मक्खी भिनभिनाती रही..
बस इसलिए.. गोदी मीडिया क्या चाह रही है और क्या प्रयास हो रहे हैं मुझे स्पष्ट हुआ..
बाकी तो कासगंज से बाहर के लोगों को अपनी-अपनी अक्ल की मात्रा के अनुसार अपनी हैसियत में अपनी राय बनाने का अधिकार है.. जिसे मेरी बात जँची ना हो - वो आजतक ज़ी टीवी टाइम्स नाउ जरूर देखता रहे.. मैं भी तो देखता हूँ - है ना !!..
पर याद रहे कि जो डीएम ये बता रहा है ना कि "चन्दन गुप्ता ऊपर से चली गोली से मरा" उन्हें शायद ये एहसास नहीं है कि ऊपर वाले की तो लाठी भी तबाही मचा देती है.. और लाठी की कोई आवाज़ भी नहीं होती.. और बकर-चकर तो बिलकुल भी नहीं होती..
इसलिए बजाय इसके ये कहना कि "चन्दन गोली लगने से मरा" शायद उपयुक्त ये होगा कि.. मनन और विमर्श इस बात पर हो कि ये गोली चली क्यूँ ??.. और अंजना की अब नौटंकी क्यों ??..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
BBC News हिंदी - ब्लॉग: तिरंगा और भगवा झंडे के घालमेल में आख़िर क्या बुराई है? http://www.bbc.com/hindi/india-42863138
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