Thursday 4 January 2018

// इतिहास के नाम पर क्या हम सब ऐतिहासिक भूल तो नहीं कर रहे ?? ....//


'भारतीय इतिहास' के बहाने और सहारे - ये नकारे अपने वर्तमान और भविष्य को चमकाने के उद्देश्य से भारत को 'इतिहासिये भारत' बना देंगे .. ऐसा भारत जहां इतिहास के हवाले से जयंतियां और वर्षगाँठें मनाई जाएंगी और इतिहास के नाम पर इतिहास को तोड़ मरोड़ इतिहास को ही लजाते हुए मनमानी के ऐतिहासिक मज़े लिए जाते रहेंगे..

धार्मिक आस्थाओं से शुरुआत कर अब मामला जातीय और सामाजिक आस्थाओं तक बड़ी आसानी से पहुँच चुका है या पहुंचा दिया गया है..

और जिन पार्टियों संगठनों और दुर्गन्धित व्यक्तियों ने विभिन्न आस्थाओं को जन्म दिया या पुनर्जीवित कर ऐतिहासिक बताया और पाल-पोस कर परसा - वो निकट की दूरी बनाए हुए तमाशा देख रहे हैं..

और 'इतिहासिये भारत' का निर्माण हो रहा है .. एक ऐसा भारत जो आज इतिहास बन जाने की कगार पर पहुँच रहा है.. क्योंकि इन्हीं तमाशबीनों के द्वारा अपने पक्ष और स्वार्थ में इसके इतिहास के हर उस पन्ने को खंगाला जाकर आस्था के नाम पर परिपाटी के नाम पर रीति रिवाज़ के नाम पर ना-ना प्रकार के उत्सव या कार्यक्रम के आयोजनों के मार्फ़त एक गुटबंदी जैसा कुछ कर उन्माद उत्तेजना फैलाने के प्रयास हो रहे हैं..

और प्रयास सफल होने पर रगड़े झगड़े के मार्फ़त राजनीतिक रोटियां परांठे पूरियां पापड़ सेंकने तलने के बाद सार्वजनिक भंडारे हो रहे हैं - जहाँ पेट भरके बिना डकार लिए सुताई जारी है..

अस्तु !!.. भारत के इतिहास की दिन-ब-दिन ऐसी की तैसी की जा रही है और हो भी रही है.. और शायद हम सब कोई ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं.. .. !! अफ़सोस !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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