नौसेना अधिकारियों को मुंबई में आवासीय ज़मीन नहीं, सीमा पर रहें : गडकरी
मेरी सीमित प्रतिक्रिया.. ..
इस विशेष बात को ध्यान में रखते हुए कि आवास की आवश्यकता परिवार के लिए होती ही है.. सत्ता में घुसे टिके बने हुए सभी साधु साध्वी सन्यासी सन्यासिनीं या विरक्ति प्राप्त अविवाहित या अर्ध विवाहित या अविवाहिताएं आश्रमों में या एकांत में एकल अकेले रहें : इन्हें आवास के लिए सार्वजनिक रहवासी स्थानों में एक इंच जमीन भी नहीं दी जानी चाहिए..
और हाँ मोदी सरकार में विवाहित सबसे वजनी गडकरी अपनी सीमा में रहें तो बेहतर..
वो क्या है ना कि आजकल सीमाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.. और सीमाएं बहुत लांघी भी जा चुकी हैं.. और तो और सीमाओं से बाहर रहने के आदेश (तड़ीपार) भी हो चुके हैं.. और न्यायपालिका की सीमाओं में भी घुसपैठ हो चुकी है..
और क्योंकि यूं भी हर चीज़ की सीमा होनी चाहिए - इसलिए सोचा अभी अपनी सीमित प्रतिक्रिया से सावधान कर ही दूँ..
अन्यथा तो सेना और देशभक्तों के विरुद्ध बकवास की प्रतिक्रिया सीमा पार यानि प्रतिक्रिया की सीमा को पार करते हुए भी हो सकती है.. समझे गडकरी जी !!
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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