इनकी भड़ास निकलते देखी थी.. मिद्द भी निकलते देखी थी..
पर ऐसी आरज़ू फूट-फूट कर निकलते नहीं देखी थी..
जी हाँ संघियों की आरज़ू !!..
जो बेचारे लाचारे स्वाधीनता आंदोलन और उसके बाद कभी तिरंगा यात्रा नहीं निकाले थे.. अब उनकी आरज़ू फूट-फूट कर निकल रही है.. जगह जगह तिरंगा यात्राएं जो निकाली जा रही हैं..
तो बोलो.. "वंदे मातरम"..
बाकी संघियों के दबे जज़्बे के नामे पकोड़े खाओ और बोलो "पाकिस्तान मुर्दाबाद"..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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