'आप' पार्टी ने आज बजट सत्र के प्रारम्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया..
और क्योंकि मामला 'आप' से जुड़ा है इसलिए भक्तों के लिए पीड़ादायक होना स्वाभाविक है..
इसके पहले कि भक्त रोते गाते फूट फूट टूट पड़ें और इसे राष्ट्रपति का अपमान निरूपित करें.. उन्हें विदित हो कि ये राष्ट्रपति का भाषण नहीं बल्कि प्रधानमंत्री का भाषण हो राष्ट्रपति का तो अभिभाषण था..
इसलिए ये राष्ट्रपति का 'अभिअपमान' तो माना जा सकता है पर अपमान कदापि नहीं..
पर 'आप' का ये कृत्य सीधे-सीधे प्रधानमंत्री का अपमान था..
और मुझे लगता है कि ये एक शानदार अपमान था..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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