Wednesday 24 January 2018

// डार्विन एडिसन बेल न्यूटन हटाओ.. सत्यपाल मोदी गोलवलकर पढ़ाओ.. ..//


डार्विन का सिद्धांत मंत्री सत्यपाल सिंह के अनुसार गलत है.. इसे स्कूलों के पाठ्यक्रम से हटाया जाना चाहिए..

भाजपा को चाहिए पुनरीक्षित पाठ्यक्रम तैयार करने से पहले ये भी तय कर ले कि..

ये बल्ब की ईजाद एडिसन ने की थी या नहीं - और की भी हो तो क्यों ना पाठ्यक्रम में से एडिसन को निकाल ये जोड़ा जाए कि - एलईडी बल्ब के जनकवा गुजरात वडनगर के चाय बेचने वाले नरेंद्र दामोदरदास मोदी पति जसोदाबेन माने गए..

वो क्या है ना कि इतिहास आजकल ऐतिहासिक जो हुआ जा रहा है और एक नए रूप में प्रकटीकरण के लिए तड़प रहा है - इसलिए जरूरत है कि एक बार गले सड़े इतिहास के सभी तीये-पांचे-चूलें ध्वस्त कर एक नए इतिहास की रचना कर मारी जाए..

और इसलिए मैं तो यह भी कहूंगा कि ये ग्राहम बेल और उसके 'हेलो' शब्द को भी ऐतिहासिक कर दिया जाए.. और इसकी जगह ये पढ़ाया जाए कि जिओ मोबाइल के जनकवा के मित्र ने सबसे पहले फोन कर 'मित्रों' शब्द उच्चरित किया था.. और इसलिए सभी भाइयों और बहनों और देश के ६०० करोड़ देशवासियों को 'हेलो' की जगह 'मित्रों' शब्द का प्रयोग करना चाइये..

और यह भी देखा जाए कि इस गोल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का ज्ञान कहीं गुरु गोलवलकर के द्वारा प्रतिपादित तो नहीं था.. अब नाम तो कुछ ऐसा ही है गुरु !!.. तो पेल दो.. और ये भी पेल देना कि न्यूटन ने सेब ही गिरते देखा था.. गुरु गोलवलकर ने तो बहुत से इंसानों को लोया जैसे गोल होते देख लिया था.. और वो इतने महान थे कि उनके पाँव सदैव जमीन पर ही टिके रहे चिपके रहे..

और नए पाठ्यक्रम में ये भी शामिल करना कि भारत में '६०० करोड़' में से कितने भक्त थे.. और कितने बेवकूफ बने हुए हैं..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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