Saturday 24 December 2016

/.. अब कुछ जवाबदार गैरजिम्मेदाराना बोल रहे हैं कि नोटबंदी से गरीबों को नहीं अमीरों को परेशानी हो रही है .. अव्वल तो बेशर्मों को डंके की चोट पर बता दूं कि गरीबों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई .. और फिर पूछना चाहूँगा कि अमीरों को यदि परेशानी हुई तो इसमें बिंदास हो धूल में लोटने जैसी बात क्या है जिसका श्रेय ले रहे हो .. क्या अमीर इंसान नहीं - भारतीय नहीं - ईमानदार नहीं ?? .. इसलिए गैरजिम्मेदार जवाबदारों को बताना चाहूँगा कि आपकी योजनाएं और क्रियान्वयन ऐसा होना 'चाइये' था कि ईमानदार परेशान ना होते और बेईमान बच ना सकते .. 'चाइये' था कि नहीं 'चाइये' था ?? .. पर आप इसका उलट कर अब जनता को कभी अमीर- गरीब के जुमलों में तो कभी कैशलेस के जुमलों में उलझाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हो .. .. चेता दूं - गरीबों की बद्दुआ से अमीरों के हाथों बहुत कुटोगे यार ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


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