Thursday 29 December 2016

// तो करवा लो जाँच - जो तुम में हो औकात .. समझे ?? ....//


मैं क्यों ना मानूं कि सहारा लेन-देन दस्तावेजों में क्योंकि मोदी के साथ शीला दीक्षित के अलावा और भी कई मुख्यमंत्रियों के नाम थे इसलिए ना कोई जाँच हुई - ना होगी .. और ना किसी की औकात जो कुछ कर ले .. और ना किसी जवाबदार को कुछ करने की आवश्यकता .. और ना किसी में हिम्मत .. और ना किसी में नैतिकता !! .. .. 

और क्योंकि ना जाँच हुई ना जाँच होगी - तो मैं क्यूँ ना मानूं कि मोदी समेत सभी ने सहारा से भारी रकम किसी रिश्वत के रूप में सादर ग्रहण करी ही होगी .. .. और मैं ये क्यूँ ना मानूं कि राहुल गाँधी ने केजरीवाल या प्रशांत भूषण द्वारा पहले ही सार्वजनिक किये जा चुके इस मुद्दे को केवल चेताने के लिए ही बखूबी उछाला कि -"हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे" !! .. ..

और मित्रो जब एक बार फिर कीर्ति आज़ाद ने अरुण जेटली पर सैंकड़ो करोड़ों की अर्जित दौलत पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं तो मैं क्यूँ ना मानूं कि जब तक कभी ना संभव होने वाली जाँच नहीं होती तब तक जेटली अपराधी .. ..

और क्योंकि बसपा जैसी क्षेत्रीय पार्टी १०० करोड़ से ज्यादा की रकम अपने बैंक खातों में डलवा देती है तो फिर क्या भाजपा जैसी पार्टी के पास कुछ भी धन ना रहा होगा ?? .. और रहा होगा तो क्या बसपा से कम या ज्यादा ?? .. और यदि बसपा से ज्यादा तो फिर भाजपा भी बसपा से ज्यादा दोषी या कम ?? .. या सभी पार्टियों निर्दोष और जनता मूर्ख ?? .. ..

और क्योंकि अब तक जेटली या मोदी के पद पर बने रहते यह तक मालुम ना पड़ने दिया गया है कि 13,860 करोड़ की अघोषित संपत्ति का खुलासा करने वाले महेश शाह के पास किसकी अघोषित संपत्ति थी तब तक मैं क्यों ना मानूं कि संपत्ति भक्तों या भाजपाइयों की ही थी ?? .. ..

और क्यों ना मानूं कि यदि मुंडे परिवार को भी किसी जाँच से बख्श दिया गया है तो फिर गड़बड़ तो होगी ही ?? .. ..

और क्योंकि अब तो स्वघोषित ५० दिन भी पूरे हो गए पर नोटबंदी से राहत तो दूर नोटबंदी के दुष्परिणाम और ज्यादा साल रहे हैं .. तो क्यों ना मानूं कि मोदी जी ने जनता के साथ किसी अन्य अनपयुक्त कारण के खिलवाड़ कर मारा ?? .. .. और क्यों ना मानूं कि इन्हीं कारणों से अभी तक एक भी अपराधी ना तो जेल गया और ना जाएगा - और जाएगा भी तो निकल आएगा - या निकलवा लिया जाएगा ?? .. ..  

क्या कहा ?? .. बिना सबूत कुछ भी मानना गलत ???? ..
तो फिर क्या बिना सबूत ये मान लिया जाए कि मोदी गंगा जैसे पवित्र ???? ..

यानि सबूतों की दरकार तो हर हालत में है .. पर बिना जाँच सबूत मिलने वाले नहीं - और जाँच होनी नहीं .. तो फिर किया क्या जाए ??

मित्रो मेरा दिल-दिमाग ये मानने को तैयार नहीं कि मोदी गंगा जैसे पवित्र - और भाजपा व भाजपाई निष्कलंक .. इसलिए मैं तो यही मानता हूँ कि मोदी पहले भी खाते रहे - अब भी खा रहे हैं - और खाने दे रहे हैं .... और जिसको मेरी बात से आपत्ति हो उससे मेरी प्यार भरी प्रार्थना .. .. तो करवा लो जाँच - जो तुम में हो औकात .. समझे ??

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