My blog is my reaction and analysis of the current Political and Social affairs of our country - India.
Sunday, 25 December 2016
/.. दो दिन में "दंगल" ने कमाए लगभग ६० करोड़ रूपए .. .. वाह क्या बात है !! .. .. पर अब तक बैंक की लाइन में लोग खपते मरते रहे - बिन कैश तमाम परेशानियाँ झेलते रहे - कई लोगों के पास काम नहीं रहा - उनका धंधा चौपट हो चला - उनके पास कर्मचारियों और श्रमिकों को देने के लिए कैश नहीं था .. सब दुखी लाचार थे .. है ना !! .. .. तो फिर अब फ़िल्म देखने के लिए कैश कहाँ से आया - या फिर जिनके पास नहीं आया वे इ-पेमेंट करना भी सीख गए ?? .. .. तय हुआ कि इस देश का अमीर और मध्यमवर्गीय इतना सक्षम है कि फिल्म की टिकट की जुगाड़ कर ही लेता है - फिर उसके भूखे मरने का तो प्रश्न ही नहीं उठता .. .. पर यदि कोई मर रहा है तो वो है इस देश का गरीब मजदूर किसान जो दंगल देखने की हैसियत नहीं रखता - क्योंकि वो राजनीतिक भ्रष्टाचार के 'दलदल' में आकंठ डुबोया जा चुका है .. .. तो किया क्या जाए ?? .. .. मेरा उत्तर तो है - लगता है अब "दंगल" जरूरी हो चला है !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
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