Wednesday 21 December 2016

/.. आजकल छापे तो खूब पड़ रहे हैं - और ना ना प्रकार की धन दौलत भी बरामद हो रही बताई जा रही है .. पर आगे क्या होता है - यानि ये धराए गए लोग सजा पाते हैं कि छोड़ दिए जाते हैं या छूट जाते हैं ये तो बाद की बात .. पर मैं यह नहीं समझ पा रहा हूँ कि इन छापों का नोटबंदी से क्या संबंध ?? .. क्या बिना नोटबंदी ही ये छापे नहीं मारे जा सकते थे ?? .. मसलन क्या तमिलनाडु के प्रमुख सचिव के यहां छापे की कार्यवाही क्या पहले नहीं की जा सकती थी ?? .. क्या सभी का वेतन खातों में जमा करने की बात पहले नहीं की जा सकती थी ?? .. इस प्रकार के धाँसू काम नोटबंदी की शर्मनाक विफलता के बाद ही क्यों ?? .. एक बात और .. यदि एक सचिव के यहाँ से १०८ करोड़ कैश और १८० किलो सोना निकल सकता है तो क्यूँ नहीं सबसे पहले देश के सभी सचिवों के यहां छापेमारी की जाए .. फिर ये गरीबों की फ़ोकट वाट क्यों लगा रहे हो मोदी जी ?? .. आप में अक्ल नहीं तो मैं गारंटी देता हूँ कि यदि अरबों का कालाधन नहीं निकले तो बता देना किस चौराहे पर आना है .. .. समझे शाने नासमझ !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


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