Saturday 17 December 2016

/.. "मोदी की नोटबंदी" - और - "मोदी की नकदबंदी" जैसी २ बेवकूफाना योजनाओं की संक्षिप्त विवेचना कुछ यूँ की जा सकती है .. .. चले थे "नोटबंदी" करने - पर अपनी नैसर्गिक डेढ़ अक्ल के कारण कपड़े फाड़ते हुए पहुँच गए "नकदबंदी" पर .. .. "नोटबंदी" एक अच्छे मकसद को प्राप्त करने का एक अच्छा उपाय था - पर "मोदी की नोटबंदी" बेवकूफाना साबित हो गई .. क्यों ?? .. क्योंकि "नकदबंदी" वांछित 'इ-पेमेंट' को प्रोत्साहन देने के अच्छे मकसद के लिए एक बेवकूफाना सोच है - और "मोदी की नकदबंदी" यह साबित करती है कि बेवकूफों की सोच बेवकूफाना ही होती है जिसके परिणाम भी अफलातूनी तूफानी बेवकूफाना ही होते हैं ../.. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


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