Saturday 31 December 2016

/.. उफ्फ्फ !! .. बचे मितरों बचे .. मोदी ने राष्ट्र के नाम अभी-अभी समाप्त किए अपने लम्बे संदेश में ऐसा कुछ नहीं कहा जिसे चिंतनीय कहा जा सके - और वो ऐसा कुछ कहते भी नहीं जिस पर चिंतन किया जा सके .. .. इसलिए मैं सोचता हूँ कि इसी ख़ुशी के साथ अफलातून २०१६ को विदाई दे दी जाए और २०१७ का बिंदास स्वागत किया जाए .. इस उम्मीद के साथ कि २०१७ 'कैशमय' ही रहे .. .. आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


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