Friday 30 December 2016

// मोदी जी घोषणा कर ही दो कि अच्छे दिन आ गए .. शरमा इतरा क्यों रहे हो जी ?? ....//


नोटबंदी के ५० दिन पूरे .. और फायदे ही फायदे .. टैक्स ज्यादा आ गया .. कालाधन बाहर आ गया .. रवी की बुवाई भी अधिक ही हो गई .. पर्यटन भी बढ़ा .. आतंकवाद नक्सलवाद माओवाद की कमर टूटी .. पाकिस्तान का भी मुहँ टूटा .. म्यूच्यूअल फण्ड और लाइफ इंश्योरैंस में बढ़ोतरी हो गई .. अब लोगों को कोई परेशानी नहीं बची .. अर्थव्यवस्था पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ा नहीं .. रोज़गार कम होने वाला नहीं .. किसान का भला होगा - व्यापार करना भी आसान होगा .. रिज़र्व बैंक के पास पर्याप्त करेंसी उपलब्ध .. किसी ईमानदार को कोई फ़िक्र नहीं .. कोई बेईमान बेफिक्र नहीं ..  .. और तो और महँगाई भी काबू में आ गई .. विशेषकर सब्जियां सस्ती .. भाजपा चुनाव भी जीत गई .. यानि जनता भी खुश - सरकार भी खुश - बैंक भी खुश - बैंक के चोर ग्राहक भी खुश - कैशलेस और ई-पेमेंट में भी बढ़ोतरी .. और मोदी भी खुश .. .. अब क्या ढाई साल में एक चायवाले से इससे ज्यादा तनिक भी उपलब्धि संभव हो सकती थी ?? ....

तो मोदी जी अब तो घोषणा कर ही दो कि अच्छे दिन आ गए .. ऐसे छुई मुई नई नवेली ब्याहता जैसे शरमा इतरा क्यों रहे हो जी ?? .. .. बल्कि मैं तो सलाह दूंगा कि घोषणा कर दो कि अब तो अच्छों अच्छों के दिन आ गए .. .. और आ के लद भी गए .. ..

और एक मुफ्त वाली सलाह भी .. ख़ुशी के ऐसे आलम में पिछले ६०-७० साल का विलाप करना छोड़ दो - नहीं तो ऐसा लगता है कि सर्दियों की रात में कुत्ता फ़ोकट अलाप रहा है - मानों उसे ठण्ड लग रही हो !?!? .. ..

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