Monday 17 December 2018

// सज्जन कुमार तो बढ़िया निपटे.. बाकी लाखों अपराधियों और टुच्चों का क्या ??..//


वाह !! वाह !! वाह !!.. एक राहत भरी न्यायसंगत खबर आई है !!..
कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा हुई है !!..  

१९८४ दंगो में लगभग २००० निर्दोष सिक्खों की हत्या कर दी गई थी.. उन २००० सिक्खों में से ५ सिक्खों की हत्या का दोषी मानते हुए आज सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है - जिसका ये अभिप्राय भी निकलता है कि अन्य सिक्खों के हत्यारों को सजा मिलना शेष है..
और ये सज्जन कुमार एक कांग्रेसी नेता थे और अभी तक भी बने हुए हैं.. और चूँकि कोर्ट द्वारा ये भी कहा गया है कि सज्जन कुमार को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण वो हमेशा बचता रहा था.. इसलिए आज पूरी कांग्रेस दोषी करार हुई है..

यहां गौरतलब है कि कोर्ट ने हत्या के मामले में तो सज्जन कुमार को बरी कर दिया है - पर उसे दंगा भड़काने और साजिश रचने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है..

और इसलिए इस मौके पर मेरी संवेदनशील विवेचना.. ..

आज अपराधी सज्जन कुमार को हुई सजा से साफ़ है कि..
हमारे सभ्य समाज में और न्यायिक प्रावधानों में दंगो और भीड़ की गुंडई और भीड़ को भड़काने उकसाने या फिर साज़िश रचने और भीड़ द्वारा जान-माल की हानि के लिए कोई भी जगह नहीं है.. ये सब संगीन आपराधिक कृत्य हैं..
और भले ही कोई ह्त्या किसी ने अपने हाथों से ना भी करी हो पर हत्या होने के कारण का दोषी होने पर भी उसे उम्र कैद या फांसी तक की सजा हो सकती है..
और हमारे देश की राजनीतिक पार्टियां अपराधियों और हत्यारों तक को संरक्षण देती आई हैं.. और दे रही हैं..

और हमें ये भी मानना होगा कि हमारे स्वतंत्र देश का इतिहास दंगो और भीड़ द्वारा किए गए जान-माल की हानि के सैंकड़ों-हज़ारों प्रकरणों से पटा पड़ा है.. पर सज़ायाफ्ता लगभग नगण्य हैं..

मसलन यहाँ गुजरात के दंगे भी हुए और भीड़ द्वारा आरक्षण हेतु भी अनेक हिंसक प्रदर्शन और दंगे भी हुए.. और तो और गौहत्या रोकने हेतु भी भीड़ के द्वारा कई दंगे फसाद और हत्याएं भी हुई.. और यहां तक कि कई टुच्चों के भ्रष्टाचार के कारण कई गरीब लोग बीमार और भूखे मृत्यु को प्राप्त हो गए.. पर सजा नगण्य ही रही..

और इसलिए मेरा मानना है कि यदि कोर्ट ने आज बाबरी मस्जिद - राम जन्म भूमि विवाद को त्वरित सुनवाई योग्य ना मानते हुए अच्छा ही किया हो.. पर १९८४ के दंगों का आंशिक न्याय ३४ साल बाद देने के लिए भी कहीं न कहीं अपने आपको भी कटघरे में खड़ा किया हुआ है.. ..

मुझे मालुम है कि कोर्ट के आज के निर्णय से आपराधिक कांग्रेस की बहुत किरकिरी होगी और उसे कई प्रकार से खरी खोटी सुनाई जाएगी - और सुनानी भी चाहिए.. बल्कि यदि कोई सजा का प्रावधान हो तो उसे वो सजा भी सुनाई जानी चाहिए..

पर साथ ही इस देश में दंगे करवाने में पारंगत कई ढेर सारे टुच्चों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए.. लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोर्ट द्वारा ऐसी वृहद कार्यवाही की जाएगी या संभव ही हो पाएगी..

इसलिए शायद अब तक बचे हुए और आगे कुकुरमुत्तों जैसे उग रहे और पनप रहे कई राजनीतिक वर्चस्व प्राप्त अपराधियों और कई राजनीतिक संरक्षण प्राप्त टुच्चों का तोड़ तो हम सभ्य समाज के लोगों को ही मिलकर निकालना होगा..
अन्यथा और ३०-३५ साल बाद हमारी औलादें तब तक भुला से दिए गए प्रकरणों में इक्के-दुक्के निर्णय और सुन लेंगी मसलन - अख़लाक़ की हत्या के दोषी को उम्रकैद - या फिर पद्मावती विवाद में या हिसार दंगों के लिए फलां फलां दोषी थे.. या फिर गुजरात दंगो के मुख्य आरोपी की मृत्य उपरान्त प्रकरण समाप्त !!..

इति मेरी आंशिक विवेचना अभी के लिए समाप्त !!..
जय हिन्द !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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