Thursday 6 December 2018

// 'पुलिस रिफॉर्म्स' चाहिएं ?? तो पहले हानिकारक मोदी जैसों को तो हटाना ही होगा....//


कोई ज़माना था कि पुलिस को देख हमें सुरक्षा की भावना का एहसास हो जाता था.. और शायद अपराधियों को एक डर लगने लगता था - पिटने और जेल जाने का..

फिर कुछ ऐसा हुआ कि हमें पुलिस को देखते ही डर लगने लगा कि अब तो फंसे इनके चंगुल में.. और अपराधियों को पुलिस देख एक सुकून मिलने लगा और याराना भाव की अनुभूति ..
लेकिन तब भी पुलिस का अपना एक रुतबा तो कायम ही था.. है ना !!..

लेकिन देखते ही देखते.. अब तो नौबत यहां तक आ गई है कि.. पुलिस को देखते ही या तो घृणा या गुस्से या बेचारगी या डर या तिरस्कार का एहसास होता है.. और सुरक्षा गई तेल लेने - अच्छे से अच्छा शरीफ थर-थर कांपने लगता है.. और जब उसे पुलिस के चंगुल में फंसने का एहसास हो जाता है तो उसे तड़प कर किसी नेता का ख्याल आता है या फिर रिश्वत देकर छूटने का..

यानि आजकल नेता जो हैं ना - वो हमारी पुलिस से ऊपर हैं पुलिस के माई-बाप हैं और पुलिस को कब्जाए बैठे हैं..

और क्योंकि नेता भ्रष्ट हैं दुष्ट हैं निर्मोही हैं और जुगाड़ू भी.. इसलिए अब पुलिस के सभ्य समाज में और सुचारू व्यवस्था में कोई उपयोगी मायने ही नहीं बचे हैं..

और नौबत यहाँ तक हो आई है कि पुलिसवाला बेचारा नेता के कहे पर चले तो मुश्किल क्योंकि तब वो अपनी पुलिसिया ड्यूटी का निर्वहन नहीं कर पाएगा और ब्लैकमेल हो नेता की तगड़ी गिरफ्त में आ जाएगा.. और यदि उसने नेता के कहे पर चलने से इंकार कर दिया तो वो मारा जाएगा..

और बेचारा 'सुबोध' मारा गया !!!!..

और ये तो अब सामान्य सी बात होने लगी है.. और कल कई और पुलिसवाले मारे जाएंगे.. और सब चुप रह जाएंगे.. ठीक वैसे ही जैसे कई सरकारी कर्मचारी और अधिकारी डर डर के मजबूरन अपराध करते या अपराधियों का साथ देते या अपराध और अपराधियों से मुहं मोड़कर चुपचाप जी रहे हैं - या फिर दिलेरी या कर्तव्यपरायणता दिखाने पर सताए या मार दिए जा रहे हैं..

तो फिर इसका इलाज क्या है ??..

इसका इलाज ये है कि बहुप्रतीक्षित बहुचर्चित वांछित 'पुलिस रिफॉर्म्स' को तत्काल अमली जामा पहनाया जाए.. और इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले तो मोदी जैसे हानिकारक नेता को प्रधानमंत्री पद पर से हटाया जाकर एक शुरुआत की जाए.. और फिर उम्मीद लगाई जाए कि जो अगला आएगा वो ईमानदार कामदार दमदार जानदार शानदार होगा.. क्योंकि उम्मीद पर ही दुनिया टिकी है और अच्छी शुरुआत के बिना अच्छे अंजाम की कल्पना भी नहीं की जा सकती है..

तो यदि आप चाहते हैं कि पुलिस वैसी ही हो जैसी बीते ज़माने में होती थी या फिर अपेक्षा के अनुरूप पुलिस आपके हक़ में और अपराधियों और घिनौने नेताओं के विरुद्ध रीढ़ की सीधी हड्डी के साथ खड़ी रह सके तो.. तो बस एक छोटी सी शुरआत तो करनी ही पड़ेगी और मोदी को हटाना होगा.. बाकी मर्ज़ी आपकी - और यदि कोई और विकल्प आपके पास हो तो आपको मुबारक !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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