Saturday 22 December 2018

// 'न्याय के मंदिर' बने 'लाचारी के अड्डे'.. और नेताओं के ठिकाने 'न्याय के कोठे' !!....//


सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेड़ प्रकरण में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया..

पर सभी २२ आरोपियों को बरी करते हुए जज साहब ने पीड़ितों को न्याय ना दिला पाने के कारण खेद भी जताया - और अपनी लाचारी को बताते हुए कहा कि जब सभी गवाह पलट गए या गवाही देने से कतरा गए - और उनके सामने कोई ठोस सबूत ही नहीं रखे गए और पुख्ता प्रकरण ही नहीं बनाया गया - तो फिर न्याय कैसे किया जा सकता था ??..

और शायद यही सबसे बड़ी व्यथा है कि अब इस देश में न्याय भी न्यायाधीशों और न्यायालयों के बस से बाहर हो - गुंडे टुच्चों और नेताओं और उनके ठिकानों में स्थानांतरित हो गया है..

यानि आप न्यायाधीशों को 'लाचार' और नेताओं को 'न्याय के ठेकेदार' कह सकते हैं..
और आप 'न्याय के मंदिरों' यानि न्यायालयों को 'लाचारी के अड्डे' और संसद को या फिर नेताओं के सरकारी एवं निजी ठिकानों को 'न्याय के कोठे' कह सकते हैं..

और इन सबके बीच हम सब न्यायप्रिय लोग अपने आपको बेबस मान सकते हैं..
यानि न्याय 'लाचार' हो गया है और जनता 'बेबस' !!..

और इस बेबसी के होते मुझे बहुत घबराहट सी हो रही है.. लग रहा है कि अब तो बेबसी से निकलकर न्यायहित में अराजक होना पड़ेगा - और जिन से न्याय की उम्मीद थी ऐसे न्यायाधीशों को सशक्त कर सबसे पहले तो उन्हें ही न्याय देने दिलवाने के काबिल बनाना बनवाना होगा..

पर जनाब थोड़ा ठहरिए.. और गौर करिए.. ..
ये ठीक वैसा ही होगा जैसे कि जिस भगवान् ईश्वर से हम रक्षा की आशा रखते हैं उसी ईश्वर भगवान् की रक्षा हेतु हम दंगे फसाद और अनेक अपराध करने के लिए उकसा दिए जाते रहे हैं.. यानि जो धर्म हमारी रक्षा के लिए स्थापित हुए थे आज उसी धर्म की रक्षा की आड़ में खुल्लेआम सभी आपराधिक अनैतिक कार्य किए करवाए जा रहे हैं..

तो विचार कीजिए कि क्या हम सब ईश्वर भगवान् की रक्षा करें ??.. और न्याय मिले इस हेतु न्याय सम्मत कायदे कानून की धज्जियाँ उड़ाएं और अराजक हो जाएं ??..

या फिर थोड़ा सम्भल जाएं - स्थितियों का पुनरावलोकन करें और ये जानें कि अब ऐसी विकट स्थितियां इसलिए आन पड़ी हैं क्योंकि पहले तो नेता गुंडागर्दी और अपराध करने लगे थे - परन्तु अब तो गुंडे अपराधी ही नेता बने जा रहे हैं..

और इसलिए अभी के लिए तो भगवान् और न्यायाधीशों को माफ़ करें या परे रखें.. पहले तो हमें इन गुंडों और अपराधियों को निपटाना होगा - जो आजकल नेतागिरी कर रहे हैं !!.. समझे !!..
समझ गए तो.. "पहचान कौन ??".. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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