Wednesday 5 December 2018

// 'हिन्दू'>'हिंदुत्व' की तर्ज़ पर अब..'भारत माता की जय'>'भारत्व मातृत्व की जय' ??..//


वैसे तो हमारे देश 'इंडिया' और 'भारत' का नाम 'हिन्दुस्तान' भी है - और इसलिए ये देश ऑटोमेटिकली और बिना किसी कन्फ्यूज़न के 'हिन्दू' से जुड़ा जुडाया माना जा सकता है - और मैं भी पैदाइश से ही ये 'हिन्दू' और 'हिन्दुस्तान' शब्द सुनता भी आया था और काफी कुछ समझता भी आया था..

पर मोदी सरकार के आने के बाद ये 'हिन्दू' शब्द कुछ ज्यादा ही सुनने में आया - और मेरी समझ में ये नहीं आया कि इसके मायने जब सर्वविदित हैं तो फिर नए सिरे से इसे समझाने की कोशिश या इसे परिभाषित करने की मूर्खता या इस पर नाहक बहस क्यों की जा रही है ??..

पर फिर थोड़ा गौर करने पर 'हिन्दू' पर बहस का कारण समझ आया - जब 'संघ विचारक' नाम से कुछ संघियों को टीवी डिबेट में यह कहते सुना कि 'हिन्दू' का मतलब समझने के लिए पहले आपको ये समझना होगा कि 'हिन्दू' और 'हिन्दुत्व' में अंतर है - और 'हिन्दुत्व' के क्या मायने होते हैं.. और फिर धर्म के नाम पर राजनीति और नंगा नाच भी शुरू हुआ.. और मुझे ये भी पक्का हो गया कि ये जो 'संघ विचारक' हैं वो निहायत संकीर्ण विचारों के होते हुए केवल संघ पर ही विचार कर सकते हैं - इंसानियत पर विचार करना तो उनके बस की बात ही नहीं..

बहरहाल.. पूरे देश को 'हिन्दू-हिंदुत्व' के चक्कर में उलझाते हुए साथ ही साथ राष्ट्रीयता की भी बातें खूब होने लगीं - और इसी दौरान 'वन्दे मातरम्' और 'भारत माता की जय' पर भी गजब की सियासत पेली जाती रही.. और गुरु घंटालों द्वारा घंटों की सारहीन हास्यास्पद टीवी बहस भी होती रही - इस मकसद के साथ कि - 'हिन्दू-हिन्दुत्व' के तड़के के साथ राष्ट्रवाद या राष्ट्रप्रेम के नाम पर छलावे से देश में साम्प्रदायिकता का ज़हर घोला जाए..

और अब जाकर पप्पू ने इस बहस को और गरमा दिया - इसे नया तड़का मारकर..
पप्पू ने कह दिया कि - गप्पू हमेशा हर रैली में 'भारत माता की जय' तो बोलते रहते हैं पर उन्हें 'भारत माता' के मतलब भी नहीं मालुम.. और फिर गप्पू ने भी पलटवार किया और फुस्सी दहाड़ मार दी कि - अब पप्पू हमें बताएंगे 'भारत माता' के मतलब ??.. और 'भारत माता की जय' बोलने के लिए क्या नामदारों से इज़ाज़त लेनी पड़ेगी ?? - आदि - और हमेशा की तरह बकवास से भरपूर अनादि !!..

मेरी प्रतिक्रिया..

गप्पू को पप्पू की बात को समझना होगा और मेरी बात को भी - क्योंकि आखिर गप्पू ने देश की चौकीदारी करने का बीड़ा जो अपने कमज़ोर कांधों पर उठा रखा है..

और मेरी बात संघ के विचारकों की ही तर्ज़ पर कुछ यूँ है कि.. गप्पू चौकीदार जी !!.. 'भारत' को समझने के लिए सबसे पहले 'भारत्व' भी कुछ होता है ये समझना होगा.. और जब 'भारत्व' का मतलब समझ पड़ जाए तो फिर 'माता' और 'मातृत्व' क्या होता है यह भी समझना होगा..

और आप जैसे बिगड़ैल अज्ञानी को समझाने के लिए आज पहला त्वरित पाठ.. ..
भारत-इंडिया-हिन्दुस्तान मतलब हमारा देश मतलब हमारा राष्ट्र यानि 'नेशन'.. और इसलिए जैसे नेशन का 'नॅशनलिस्म' और 'हिन्दू का 'हिन्दुत्व' या 'हिन्दुइस्म' होता है वैसे ही 'भारत' का 'भारत्व' हो जाएगा.. और जिस दिन तुम्हें ये 'भारत्व' या 'नॅशनलिस्म' या 'राष्ट्रवाद' का मतलब समझ पड़ जाए - बस उसी दिन इस देश की किसी भी माँ के पास - जिसने अपना बेटा सांप्रदायिक दंगो की भेंट चढ़ते देखा हो - जाकर बैठ जाना.. शायद तुम्हें 'माता' और 'मातृत्व' का सही ज्ञान भी मिल जाए !!..

और ज्ञान प्राप्ति होते ही जय जय चिल्लाना जयकारे लगाना..
'भारत माता की जय' - 'भारत्व मातृत्व की जय' - और इसका मतलब 'संघ विचारकों' को भी समझा देना.. ' समझे गप्पू जी !!..

(टीप : यह पूरा बकवास लेख - देश में हो रही पूर्ण बकवास पर ही आधारित है)

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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