Wednesday 19 December 2018

// मोदी इज़्ज़त से जाते हैं या बड़े बेआबरू होकर जाते हैं.. क्या फर्क पड़ता है ??..//


और हौले हौले - लगातार - हवा बदलती रही - हवा के रुख बदलते रहे - हवा ख़राब भी होती रही - और नौबत यहाँ तक आ गई कि मोदी और भक्त स्वयं तथ्यों की स्वीकारोक्ति करने लगे..

जी हाँ !!.. तथ्यों की स्वीकारोक्ति !!.. ..
मसलन मोदी कहते रहे हैं कि.. उनके द्वारा काम करने में बहुत समस्याएं आ रही हैं और पैदा भी की जा रही हैं - लोग उनके पीछे पड़े हैं - उन्हें काम नहीं करने दे रहे - कुछ लोग उन्हें सफल होते नहीं देखना चाहते - उनके रास्ते में कई रोड़े अटकाए जा रहे हैं - उन्हें कुछ लोग गालियां दे रहे हैं - उनके विरुद्ध अनाप शनाप भद्दी-भद्दी बाते बोल रहे हैं - उनके विरुद्ध झूठी बातें फैलाई जा रही हैं - उनके दामन में दाग लग जाएं ऐसे प्रयास हो रहे हैं - उनके विरुद्ध षड्यंत्र हो रहे हैं - उनके माँ बाप उनकी जाति और उनकी गरीबी और फकीरी पर भी अनाप शनाप तंज़ किए जाते रहे हैं.. आदि अनादि..

और भक्तु सहित सभी भक्त हैं कि बेचारे बहुत मायूस से होते जा रहे हैं.. और दिन रात व्हाट्सअप और सोशल मीडिया के सरल उपयोग से चीत्कार जैसा कर कई धाँसू मैसेज बना कर डाल रहे हैं और अथक बिंदास फॉरवार्ड तो कर ही रहे हैं - और शनैः शनैः जाने अनजाने वो भी तथ्यों की ही स्वीकारोक्ति करने लगे हैं.. ..

मसलन भक्तों का भी मानना है कि.. लोग मोदी के बारे में अनाप शनाप बोल रहे हैं - लोग मोदी को समझे ही नहीं - एक मोदी हैं जो १८-१८ घंटे काम कर रहे हैं और लोग हैं कि उन्हें दुत्कार रहे हैं - मोदी की विदेशों में तो तारीफ हो रही है पर स्वयं अपने ही देश में उन्हें भला बुरा कहा जा रहा है - मोदी के विरुद्ध साज़िश हो रही है - मोदी का सब लोग मज़ाक बना रहे हैं - मोदी को गालियां दी जा रही हैं - कुछ लोग तो उन्हें हराकर प्रधानमंत्री पद हासिल करने की जुगाड़ कर रहे हैं.. और अब तो यहां तक कहने लगे हैं कि लोग बेवकूफ हैं जो उन्हें वोट नहीं देकर हरा दिए हैं या हरा रहे हैं या हराने वाले हैं..

और मैं सोच रहा हूँ कि.. सत्य और लाख टके की बात तो बस एक ही है कि.. मोदी जिस जोश खरोश और मान सम्मान और ठपके के साथ २०१४ में लोगों के अभूतपूर्व समर्थन के साथ आए थे - उसके उलट बहुत ही बेआबरू होकर २०१९ में जा रहे हैं..

और गौरतलब है कि ये व्यथा तो अब उपरोक्तानुसार स्वयं मोदी और उनके भक्त भी लिखने बोलने और दिल से मानने भी लगे हैं.. है ना !!..

और मैं ??.. बस "मोदी जा रहे हैं" - इस बात से बहुत संतुष्ट और प्रसन्न हूँ !!..

अब वो इज़्ज़त से जाते हैं या बड़े बेआबरू होकर जाते हैं - मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता..
क्या आपको भी फर्क नहीं पड़ता ??.. या फिर फर्क पड़ता है !!.. .. .. हा !! हा !! हा !! ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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