Tuesday 12 February 2019

// चोर चौकीदार ने "डील" तोड़ बेईमानी की है.. अब तो बच्चू गया काम से !! .. ..//


हमेशा से कहा और माना जाता रहा है कि.. बेईमानी के सभी कामों में सबसे ज्यादा ईमानदारी बरती जाती है .. और शायद शरीफ सीधे-सादे अपने में मस्त रहने वाले कुछ सामान्य बुद्धी वाले लोगों को छोड़ ये तो जग जाहिर होगा कि चोरों गुंडों बदमाशों के बीच भी कोई ना कोई "डील" रहती है जिसके अनुसार एक दूसरे के मामलों में दखलंदाज़ी नहीं की जाती.. और यदि दखलंदाज़ी हो जाए तो फिर खून-खराबा होता है..

और ये भी कि आज के नेता और राजनीतिक पार्टियां भी चोरों डकैतों गुंडों बदमाशों टुच्चों लुच्चों से कम तो नहीं पर एक दो स्तर ऊपर ही हैं.. और इनके बीच भी "डील" रहती ही है कि तू मेरी खुजाना मैं तेरी खुजाऊँगा - तू मेरी टुच्चई किसी को नहीं बताना मैं तेरी नहीं बताऊंगा - तू यहां मेरी मदद करना मैं वहां तेरी मदद कर दूंगा.. पर जब भी ये "डील" टूटती है तो मालुम है क्या होता है ??.. वही जैसा भाजपा और शिवसेना के बीच हुआ है.. वही जो आजकल चौकीदार भाजपा और अन्य राजनीतिक लोगों के बीच हो रहा है..

यानि एक-एक कर के एक दूसरे की पोल सामने लाई जाती है.. और पूरी बेशर्मी के साथ सार्वजनिक रूप से धमकियां भी दी जाती रहती हैं कि.. देख तू लिमिट में रहना नहीं तो मैं भी बदले में तेरी ऐसी की तैसी कर दूंगा - तू कौन होता है हमसे प्रश्न पूछने वाला - चल बे पहले अपने गिरेबान में झाँक कर देख - तू मुझे जानता नहीं है - तेरी तो पूरी जन्मपत्री है मेरे पास - तेरे तो पूरे खानदान को देख लूँगा - निपट लूँगा - पछताएगा.. अबे चल कर लेना जो चाहे - तू क्या बिगाड़ लेगा मेरा - तू तो डरपोक है कायर है - तू तो चोर है - तूने तो चोरी की है - और तेरी चोरी तो पकड़ी भी गई है.. आदि आदि..

और इसलिए मैं कह सकता हूँ कि .. बेईमानों के बीच की "डील" टूट गई लगती है..
और मुझे लगता है कि जाने अनजाने "डील" तोड़ने का सुपर डुपर धाँसू शुभ कार्य या पहल या बेईमानी मगरूर चोर चौकीदार द्वारा ही की गई है..

और मेरी प्रतिक्रिया बस छोटी सी और इतनी सी है कि .. लगता है अब तो कोई नहीं बच पाएगा.. ना चोर ना चौकीदार.. और चोर चौकीदार तो बिल्कुल भी नहीं.. ये बच्चू तो गया काम से !!.. शर्तिया !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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