अख़लाक़ के फ्रिज में मांस किसका था कबका था कहाँ से आया था कैसे आया था.. कुत्तों ने सूंघ कर तत्काल आनन फानन पता लगा लिया था..
पर पुलवामा में बारूद किसका था ?? कौन सा था ?? कितना था ?? कहाँ से आया था ?? कैसे आया था ?? कब आया था ????..
अरे छोडो जनाब !!.. वो मामला गौ माता का था.. ये मामला सेना के जवानों का है..
एक गाय पर ४० तो क्या ४०० जवान भी शहीद होने दिए जाएंगे तो चलेगा.. आखिर हिन्दू हिंदुत्व सभी खतरे में जो है.. यदि धर्म ही नहीं बचेगा तो फिर देश कैसे बचेगा ?? और यदि देश नहीं बचेगा तो जवान किस मातृभूमि की रक्षा करेंगे और शहादत की प्राप्ति कैसे करेंगे ?? और बलिदान होने का शौक कैसे पूरा करेंगे ??.. .. कुछ शर्म बची है कि नहीं ??..
वैसे मेरे सूत्र मुझे बता रहे हैं कि कुत्तों में सूंघने की अद्भुत विशिष्ट विलक्षण शक्ति होती है.. और वो गौमांस हो या बारूद दोनों के बारे में बता सकते हैं..
पर देश का दुर्भाग्य.. ना जाने वो कुत्ते कहाँ हैं ??..
और मैं सोच रहा हूँ कि पालतू कुत्तों के भरोसे चलने वाली सरकार ने फिर आखिर इतनी भारी भरकम एजेंसियां क्यों पाल रखी हैं ????..
गौमाता की जय !!.. वंदे मातरम !!..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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