Thursday 14 February 2019

// अरे वाह मी लार्ड !!.. ये कैसा निर्णय ??.. ये कैसे उपदेश ??.. ये कैसे मतभेद ??....//


आज दिल्ली में एलजी और मुख्यमंत्री के बीच या केंद्र और राज्य सरकार के बीच अधिकारों के विषयक बहुप्रतीक्षित एवं अत्यावश्यक फैसला बहुत विलंब से ही सही और विवादास्पद ही सही पर आ गया है..

और अन्य निर्णयों के अलावा जज साहेबान ने एक उपदेश भी दे मारा है कि..
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार आपस में मतभेद भुला सामंजस्य से काम करें..
और ऐसा ही उपदेश कई दिनों से कई सूरमा भी देते रहे हैं..

जबकि इसी विषयक..
पूर्व में ५ जजों की बेंच का आदेश जजों में आपसी मतभेद रहते ३:२ से आया था..
और आज दिया गया २ जजों की बेंच का आदेश भी तो आपसी मतभेद रहते १:१ में बंटा हुआ आया है !!..

यानि स्पष्ट है कि न्यायालय भी न्याय को शर्मिंदा कर पर-उपदेश ही दे रहा है.. और स्वयं उन उपदेशों का पालन नहीं कर पा रहा है.. और फिर भी 'मी लार्ड' चाहते हैं कि केजरी - मोदी मिलकर काम करें ??.. जबकि वो २ जज स्वयं भी एकरूपता वाला फैसला देने में असफल रहे !!..

यानि..
पर उपदेश कुशल बहुतेरे - जे आचरहिं ते नर न घनेरे..
दिए तले अँधेरा..
खुद के पायजामे में सौ टाँके - पर फिर भी फत्तेखां !!..

और अब तो कानूनन ऐसे ही चलेगा कि केजरी जैसे तैसे बिना अधिकार ही काम करें - और मोदी पूर्ण अधिकार से काम नहीं करने दे !!..

अति विरोधाभासी !!.. अति निंदनीय !!.. और इसलिए मेरे कुछ प्रश्न.. ..

मी लार्ड !!.. ये कैसा निर्णय ??.. ये कैसे उपदेश ??.. ये कैसे मतभेद ??..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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