कारनामों की श्रंखला में.. एक और नायाब कारनामा अब सामने आया है..
भ्रष्टाचार विरोधी धाराओं को ही राफेल अनुबंध से विलोपित कर दिया गया था..
ठीक वैसे ही जैसे..
भगवान ने गधे के सर से सींग..
यानि सोच ऐसी कि.. सींग नहीं तो गधा लड़ कैसे सकेगा ??.. भ्रष्टाचार विरोधी धारा ही नहीं होगी तो भ्रष्टाचार करने से कोई रोक कैसे सकेगा ??..
यानि ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी.. ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी !!..
पर सावधान !!.. यहाँ गलती से मिस्टेक हो रही है.. क्योंकि याद रहे.. ..
गधे बिना सींग भी लात चला लड़ जाते हैं.. और कुछ गधे तो भ्रष्टाचार की धारा विलोपित रहते खुला नंगा भ्रष्टाचार कर जाते हैं..
और ऐसे में.. ..
बांसुरी भले ही ना बजे.. लोगों को पुंगी बजाना तो आता ही है..
राधा भले ही ना नाचे.. लोगों को गधों को नचाना तो आता ही है..
क्योंकि.. ..
वैसे तो इस देश में ना तो बांसों की कमी है ना तेल की.. और कुछ अपवादों को छोड़ इस देश के लोग गधे भी तो नहीं हैं !!.. नहीं हैं ना !!..
जय रामजी की !!..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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