Monday 22 August 2016

// हाय !! ये २ मैडल भी ना आते तो .... .... ....//


रियो ओलंपिक निपट गए .... भारत माता की जय !!

हमें दो मैडल मिले .. हमें २ मैडल मिल गए .. हमें २ मैडल ही मिले .. हमें २ मैडल तो मिले .. हमें २ मैडल ही मिल सके .. हमने २ मैडल जीते .... और उन्माद बेवकूफी लफ़्फ़ाज़ी झेंप दुःख नाकामयाबी - तथा ख़ुशी गौरव कामयाबी का इज़हार भी हो चुका है .... पर बहस विवेचना विश्लेषण प्रतिक्रिया जारी है ....

और मैं सोच रहा हूँ कि यदि ये २ मैडल भी ना मिले होते - या ना आते - या ना लाते - तो ?????  ....
तो मेरे ख्याल से गुस्से और विरोध की गूँज कुछ ऐसी होती ....

एक भी मैडल नहीं ? .. सवा सौ करोड़ का देश .. युवा देश .. आधी आबादी ३५ साल आयु के नीचे .. पर फिर भी एक भी मैडल नहीं .. शर्म आनी चाहिए .. कुछ तो करना होगा .. ये ऊंची ऊंची फेंकने वालों को जमीन पर पटक इनकी सुताई करनी होगी .. ये जितने विदेश में मस्ती करने गए थे इन्हें स्वदेश में घुसने से रोकना होगा .. ये सेल्फी वाली टकलू पनौती को हटाना होगा .. ये सारे खेल संघों के पदाधिकारियों को पाकिस्तान भेजना होगा .. ये जो हरामज़ादे सिद्ध हो चुके हैं इन्हें सबक सिखाना होगा .. खेल अव्यवस्था के विरुद्ध आवाज़ को दबाने वालों को दबाना होगा .. ये जो जाति और धर्म की गन्दी राजनीति करते आए हैं इनके साथ कुछ खिलवाड़ करना होगा .. खेल में जारी भ्रष्टाचार के खुल्लमखुल्ला खेल को रोकना होगा .. जवाबदारों और जिम्मेदारों के विरुद्ध अब कार्यवाही करनी ही होगी .. इन्हें तो अब शर्मसार करना होगा कूटना ठोकना पीटना होगा और निपटाना ही होगा ....

और शायद उस पूजा नाम की हैंडबॉल खिलाड़ी की भी बात हो ही रही होती जिसने पी वी सिंधु जैसा बनने के ख्वाब देखते देखते मोदी जी के नाम अपने खून से सुसाइड नोट लिख आत्महत्या कर ली .. यकीनन देश की खेल व्यवस्थाओं से व्यथित होकर - हार मानकर .... 

तो क्या २ मैडल भी नहीं मिले होते - या नहीं आते - या नहीं लाए गए होते - तो बेहतर होता ?????

तौबा !!!! .... बेहतर तो तब होता जब मोटी चमड़ी वालों पर गुस्से और विरोध की गूँज का कुछ असर होने के संभावना होती .... है ना ??

इसलिए सोचता हूँ .. कि जो २ मैडल २ महान खिलाड़ियों द्वारा लाए गए हैं बस उसे ही चुपचाप शाष्टांग दंडवत कर दिया जाए तो बेहतर ....

पर क्या आगामी २८ तारीख रविवार ११ बजे मोदी की 'मन की बात' में इन दो मेडलों और खिलाड़ियों का और बेटियों का यश-गान सुना जाए ?? .. और सुना जाए कि मोदी और क्या क्या आह्वाहन करते हैं ?? .. और निर्लज्जता के साथ क्या क्या फेंकते हैं ?? ....

तो क्या वर्तमान में देश के सबसे ऊँचे खिलाड़ी मोदी ही हैं ?? .. तो क्या मोदी को ही १ गोल्ड मैडल दे दिया जाए .. अगले ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के वायदे के लिए ?? ....

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