Thursday 4 August 2016

// बहुत हुआ !! .. केजरीवाल को दिल्ली सरकार त्याग कर आगे बढ़ना ही होगा ....//


केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकारों से संबंधित दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला आ गया है .. मेरी त्वरित प्रतिक्रिया ....

फैसले में दिल्ली सरकार को एक बहुत बड़ा झटका लगा है .. क्योंकि फैसले के मुताबिक़ दिल्ली के बॉस तो एलजी ही होंगे - और दिल्ली में केंद्र सरकार की ही चलेगी - लगभग सारे अधिकार एलजी के पास ही होंगे .... यहां तक कि दिल्ली सरकार के पास कोई आयोग बनाने के या कोई कानून बनाने के अधिकार भी नहीं होंगे ....

और एलजी केंद्र के द्वारा नियुक्त एक एजेंट के रूप में काम करते रहे हैं - और केंद्र मोदी के अधीन है - और मोदी और केजरीवाल के बीच ३६ का आंकड़ा जगजाहिर है ....

मैं फैसले से स्तब्ध हूँ - पर शायद संविधान में ही ऐसा कुछ प्रावधान होना परिलक्षित होता है जो भले ही न्यायसंगत या व्यवहारिक या अपेक्षित ना होते हुए भी संवैधानिक होने के कारण न्यायसंगत मानना अपरिहार्य हो जाता है .. मसलन एक १७ साल के नाबालिग को बलात्कार की सजा होना न्यायसंगत या व्यावहारिक या अपेक्षित होते हुए भी असंवैधानिक होने के कारण नहीं दिया जा सकना भी न्यायसंगत ही हो जाता है .... और यही विडम्बना भी है !!!!

और इसलिए मुझे लगता है कि अब दिल्ली सरकार भले ही सुप्रीम कोर्ट में जाएगी - पर वहां भी यही संविधान आड़े आएगा और इसलिए अपेक्षित निर्णय की बहुत आशा रखना उचित नहीं होगा .... और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाए - ऐसा भी अब होने नहीं दिया जाएगा .... 

इसलिए आज बहुत सोच विचार के मैं केजरीवाल को ये सुझाव देता हूँ कि अब उचित समय दिल्ली सरकार का त्याग कर दिया जाए - और आगे किसी अधूरी सरकार के लिए चुनाव ना लड़ा जाए ....

मेरे सुझाव के पीछे तर्क यह है कि .. क्योंकि एलजी केजरीवाल को काम नहीं करने देंगे - और तमाम मशक्कत के बाद भी दिल्ली में वैसे जनहित के कार्य नहीं किये जा सकेंगे जैसा कि केजरीवाल चाहते और प्रयास करते रहे हैं .... और अंततः दिल्ली की जनता का भला नहीं हो पाएगा और इसका दोष केजरीवाल पर मढ़ा जाएगा और गुनहगार बच जाएंगे .... 

और इस संवैधानिक व्यवस्था से केजरीवाल को बिलकुल भी हताश होने की आवश्यकता नहीं हैं - और ना ही वो हताश होने वाले हैं - बल्कि उन्हें इस स्थिति को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए संविधान को दुरुस्त करने के महा-लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए ....

और ऐसे महा-लक्ष्य की पूर्ती के प्रयास में फिलहाल पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त पंजाब और गोवा चुनाव पर १००% ध्यान लगा जीत सुनिश्चित करनी चाहिए - और उसके बाद गुजरात मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ हेतु प्रयास करना चाहिए .... और उसके बाद २०१९ में केंद्र सरकार में अपना वर्चस्व कायम करने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए ....

और मेरा विश्वास है कि - ऐसा ही होगा .... !!!! जय हिन्द !!!!

पुनश्च : मेरा सुझाव अपनी जगह - पर मुझे लगता है कि केजरीवाल उपरोक्त परिस्थिति को भी राजनितिक रूप से धाँसू तरीके से भुनाएंगे .. क्योंकि अबसे हर समस्या के लिए एलजी को ही दोषी ठहराया जाएगा .... सड़क पे गड्ढा हो - डेंगू हो - सर्दी लगे - हवा खराब हो - गाय मरे - सूअर जिए - यानि अब हर समस्या के लिए एलजी / मोदी दोषी होंगे - होंगे ही - होने भी चाहिए - है ना - हा ! हा !! हा !!! .... और इसलिए अब मुझे भी भक्तों का उपयुक्त उपहास करने में और आसानी होगी .... इसलिए भक्तों को भी चेतावनी .. !!!! सावधान !!!!

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