(टीप : ये लेख कांग्रेसियों के लिए पढ़ना और पढ़कर समझना ज्यादा लाभप्रद होगा..)
इस वक़्त भारतीय राजनीति में राहुल गांधी गोता खाने के बाद फिर से उभर रहे हैं..
पर असली अदावत और प्रतिद्वंदता और कुश्ती और दांव पेंच तो केजरीवाल और मोदी के बीच ही चलते आ रहे हैं.. और इस आपसी लड़ाई में अब तक तो केजरीवाल ही भारी पड़े हैं..
और हाल फिलहाल मुझे ये आपसी लड़ाई कुछ उग्र हो अपने चरम की ओर बढ़ती दिख रही है.. और उत्सुकता बनी हुई है कि अब आगे क्या होगा ??..
मान लो आपसी लड़ाई में अंततः केजरीवाल जीत जाते हैं तो ??.. तो यही कहा जाएगा कि केजरीवाल को मान गए - मोदी तक को पटखनी दे मारी.. और ऐसे में मोदी ख़त्म और केजरी की बल्ले-बल्ले होगी..
और अगर केजरीवाल हारते हैं तो ??.. तो देख लेना भक्तों के अलावा ज्यादातर लोग यही कहेंगे कि मोदी ने केजरीवाल को काम ही नहीं करने दिया और सत्ता का दुरूपयोग कर उसे हरा दिया.. और आगे मोदी खत्म होंगे और केजरीवाल को झंडे गाड़ने के बहुत मौके मिलेंगे..
तो ये तो बात हुई केजरीवाल-मोदी की आपसी लड़ाई की..
पर यदि मोदी विफलता की सीढ़ियों पर लुढ़कते हुए २०१९ हार जाते हैं तो ??.. तो शायद केजरीवाल के सामने बहुत सुनहरे मौके आएँगे.. और राहुल को भी कुछ राहत मिलेगी.. और देश के अच्छे दिन आने की संभावनाएं बनेंगी..
और यदि मोदी २०१९ जीत जाते हैं तो ????.. तो फिर तो पूरे देश का ही बेड़ा गर्क हो जाएगा.. और राहुल बाबा और कांग्रेस का तो अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा.. और ये बात तो अब राहुल भी समझ ही चुके हैं..
और तब केजरीवाल का क्या होगा ??.. हा !! हा !! हा !! ..
कोई झोला अकेले मोदी के पास थोड़े ही है.. केजरी के पास भी होगा.. और वो भी झोला उठा सर उठाकर सभी चौराहों से बाइज़्ज़त गुजरते हुए अपने घर जा सकते हैं.. समझे !!
और इसलिए ही मैं केजरीवाल की जीत और सफलता को देशहित में अत्यंत महत्त्वपूर्ण और दिशानिर्धारक मानता हूँ - और राहुल के हित में भी.. और इसलिए ही मैं केजरीवाल का समर्थन और मोदी का विरोध करता हूँ और राहुल को उनके हाल पर छोड़ता हूँ.. और आशा करता हूँ कि आप भी ऐसा ही सोचते होंगे.. धन्यवाद !! जय हिन्द !!..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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