कबीर के करीबी कहिन.. ..
पूत कपूत - तो क्यों धन संचय..
पूत सपूत - तो क्यों धन संचय..
बाबा ब्रह्मप्रकाश कहिन.. ..
वीडियो सच्चा - तो क्यों फुदके..
वीडियो गच्चा - तो क्यों फुदके..
असल ज्ञान की बात :
जिनके पूत हैं उनको धन संचय नहीं करना चाहिए..
और जिनके पूत नहीं हैं उन्हें एक वीडियो के बल पर फुदकना नहीं चाहिए.. !!
और स्पष्ट कर दूँ कि ये लेख हमारे प्रधानसेवक द्वारा संत कबीर दास जी की याद दिलवाने के फलस्वरूप केवल एक व्यंग्य हो प्रधानसेवक को समर्पित है..
इसलिए भक्त इसको संजीदगी से ले इस पर तर्कसंगत टिप्पणियां करने के असफल प्रयास कर सकते हैं..
ताकि मैं भी मस्ती में गा सकूं .. ..
मेरे सिर से टली बला.. कबीरा भला हुआ !!..
जय हो .. भक्तों की जय हो !!.. ..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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