मोहन भगवत जी को सुना..
प्रणब मुखर्जी को भी सुना..
दोनों सार्वजनिक मंच से कुछ गलत बोल नहीं सकते थे.. दोनों कुछ गलत बोलै भी नहीं.. दोनों ने अच्छी अच्छी बातें ही बोलीं.. एक ने हिंदी में बोलीं एक ने अंग्रेजी में..
पर जब "कथनी" और "होनी" में अंतर हो जाए और दिखे तब मन खट्टा हो जाता है..
मेरा मतलब ये है कि आज की मोदी सरकार द्वारा तो मोहन भागवत या प्रणब मुखर्जी द्वारा बोली गई एक भी बात का अनुसरण नहीं किया जा रहा है..
और इसलिए मेरा भक्तों को एक चैलेंज.. हो दम गुर्दे तो ये दोनों भाषण सुन कर मोदी जी को सुनवाओ और उनको मजबूर करो कि वो दोनों वक्ताओं द्वारा बोली गई हर बात का अनुसरण करें..
और हाँ एक बात और.. मेरा दावा है कि मैं भी वही बोलता आया हूँ जो भागवत और मुखर्जी बोले.. इसलिए मोदी जी को कहना - मेरी मुफ्त सलाह भी मान लिया करें..
और मोदी जी को मेरी आज की सलाह है.. अपने स्वार्थ के लिए देश की ऐसी की तैसी करने से बाज आओ.. समझे !!
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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