Monday 10 September 2018

// मोदी क्योंकि "असंभव" ही करते हैं.. इसलिए भाजपा के प्रस्ताव भी गजब "असंभव"..//


कल भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में एक राजनीतिक प्रस्ताव पारित होना बताया गया है.. और अजब गजब गौरतलब बताया गया है कि..

" 2022 तक देश मे ना कोई बेघर होगा, ना आतंकवाद होगा, ना जातिवाद और ना संप्रदायवाद होगा.."

धत्त तेरे की !!.. यानि.. राजनीतिक प्रस्ताव अनुसार तो अभी २०१९ तक राजनीति ही हुई है - काम तो कुछ हुआ नहीं.. और तो और अब तो घोषणा भी कर दी गई है कि २०१९ तक तो कुछ होने जाने वाला भी नहीं..

और इसलिए मैं सोच रहा था कि क्योंकि मैं हमेशा सही सोचता हूँ इसलिए..
२०१९ तक तो मोदी की ही छुट्टी हो जाएगी.. तो फिर ये इतने सारे काम जो मोदी ५ साल में नहीं कर सके - तब उनसे बड़ा वाला और कौनसा फेंकू आएगा जो इन कामों को केवल ३ साल में २०२२ तक पूरा कर लेगा ??.. यानि.. असंभव !!.. असंभव !!.. असंभव !!..

तो प्रश्न उठता है कि फिर ऐसी बकवास संभव क्यों ??.. कारण मैं बताता हूँ..

कारण ये है कि जो भक्त हैं ना इनको केवल यही विश्वास है कि मोदी केवल और केवल असंभव लगने जैसे ही कार्य कर सकते हैं.. और जो कार्य संभव हों वो उन्हें छोटेमोटे लगते हैं इसलिए वो करते ही नहीं.. और इसलिए वो उचित व्यावहारिक अपेक्षित कार्य करते ही नहीं.. और प्रायः फेंकते रहते हैं..

मसलन.. भक्तों को लगता है कि मोदी २०१९ में एक बार फिर ऐन-केन-प्रकारेण असंभव चुनाव जीत जाएंगे और फिर २०२२ तक सारे असंभव काम निपटा देंगे..
और भक्तों को ऐसा असंभव इसलिए संभव लगता है क्योंकि इसकी एक गौरतलब पृष्ठभूमि जो है..

मसलन गौर फरमाएं कि.. ५००-६०० करोड़ में तो राफेल कोई भी खरीद सकता था.. पर थी किसी भारत मैय्या के लल्लू लल्ला में हिम्मत जो १६००-१७०० करोड़ में खरीद कर बतलाता ??..

अब लाखों  करोड़ों अरबों भवन तो कोई भी बनवा सकता था.. पर थी किसी में हिम्मत कि वो लाखों भवनों में शौचालय बनवा कर भारत के नवनिर्माण की ताल ठोक पाता ??..

अब जेब में पैसे हों तो तो कोई भी बैंकों में खाते खुलवा सकता था.. पर खाली पीली बिना किसी पैसे-लत्ते के फोकटिया खाते बैंको से खुलवाने की जबरदस्ती और कौन कर सकता था ??..

अब जब गरीबों के घर में खाने के लाले पड़े हों तो थी किसी में इतनी धूर्तता जो उनको बहला फुसलाकर गैस कनेक्शन टिका गैस टंकियों का धंधा कर मारे ??..

अब चोर डाकुओं को तो कोई भी पकड़वा जेल भिजवा सकता था.. पर थी किसी में इतनी हिम्मत कि चोट्टों को राज्यसभा सांसद बनवा फिर बैंको से करोड़ों रूपए दिलवा फिर देश से बाहर भिजवा करोड़ों का घपला कर सके ??..

और क्या किसी ने इतना अजीबोगरीब सोचा भी होगा कि १००० का नोट विलोपित कर दो और २००० का चला दो - और चलने दो ??..

बस इसलिए ही आज फिर भक्तों की मानसिक स्थिति को देखते हुए भाजपा की कार्यकारिणी ने जो प्रस्ताव पारित किया है वो ऐसा ही है कि जो १००% असंभव हो और १०००% असंभव लगे भी.. ताकि भक्तों को विश्वास हो जाए कि मोदी प्रस्ताव में बघारी गई सभी असंभव बातें संभव कर देंगे..

इसलिए मैं कहता नहीं था कि मोदी भयंकर चालाक और भक्त निहायत बेवकूफ हैं..

तो क्या अब भी कोई शक की गुंजाइश ??.. नहीं ना !!..
मार दिया ना पकोड़ेवाले ने !!.. हाहाहाहा !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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