Thursday 20 September 2018

// रिपोर्टिंग पर रोक हटी.. तो अब इंतज़ार करिए गोदी मीडिया की टुच्ची रिपोर्टिंग का.. //


अभी-अभी.. ब्रेकिंग न्यूज़ ब्रेक हुई है कि..

सुप्रीम कोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर बालिकागृह कांड की मीडिया रिपोर्टिंग पर पटना हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटाई !!..

यानि अब टुच्चे नंगों की टुच्चई नंगाई पर मीडिया रिपोर्टिंग कर सकेगा !!..

पर अब एक नया प्रश्न खड़ा हो गया है..
ये गोदी मीडिया ने कौनसी रिपोर्टिंग तब कर ली थी जब रोक नहीं थी ??.. और ये गोदी मीडिया उन अन्य अनन्य मामलों में कौन सी और कैसी रिपोर्टिंग करता रहा है जिन पर रोक कभी थी ही नहीं ??..

अरे जनाब !!.. जब रिपोर्टरों के मालिकों को ही अपराधियों के सरगनाओं या आकाओं को रिपोर्टिंग करनी पड़ती हो तो फिर रिपोर्टर क्या खा के और क्या हग के रिपोर्टिंग करेगा ??..

वैसे यदि सुप्रीम कोर्ट ये कहता है कि रिपोर्टर रिपोर्टिंग कर सकते हैं तो कसम से कुछ ऐसा एहसास होता है जैसे कि देश में न्यायपालिका को स्वतंत्रता के साथ कार्य करने की छूट मिल गई हो..

मसलन पटना हाईकोर्ट को छूट थी कि वो मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगा देता और सुप्रीम कोर्ट को छूट है कि वो लगी रोक को हटा लेता..

बाकी तो आप और हम सब बिना छूट प्राप्त किस्मत के मारे ही हैं जो सब जानते बूझते न्यायालयों के पीछे छुप कर किए जा रहे अन्यायों और कारगुजारियों को कानून व्यवस्था में बंधे-बंधे केवल देखने के लिए मजबूर ही हैं.. क्योंकि सत्ता गलत हाथों में पहुँच चुकी है.. जिसने कम से कम मीडिया को तो अपनी गोदी में बैठा ही लिया है.. और जनता को सहजता और सरलता के साथ तथ्यों को जानने के अधिकार और सुविधाओं से वंचित कर दिया है..

वैसे सभ्यता और औपचारिकता के नाते मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दे देता हूँ.. 

तो अब इंतज़ार करिए.. मुज़फ़्फ़रपुर बालिकागृह कांड में लगाए जाने वाले अगले दांवपेचों का और अपराध में लिप्त सत्ताधारियों के बारे में गोदी मीडिया की "रिपोर्टिंग" का.. जिसके तहत शायद ये भी रिपोर्ट कर दिया जाए कि पीड़ित बालिकाओं का क्या दोष था.. क्योंकि अब तो रिपोर्टिंग करने से सुप्रीम कोर्ट ने छूट जो दे दी है.. है ना ??..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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