Wednesday 26 September 2018

// चोर चौकीदार को जवाब तो देना ही पड़ेगा.. और मायूस भक्तों को चुप रहना होगा.. //


मैं स्पष्ट देख पा रहा हूँ कि चालाक चौकीदार जगजाहिर हो चुकी चोरी को छुपाने के लिए अब तक पप्पू या मणिशंकर या गुलामनबी जैसे लोगों या फिर कांग्रेस के पीछे छुपने का प्रयास कर रहा था.. पर अब तो बेहयाई की सभी सीमाएं लाँघ रहमान मालिक या इमरान जैसे पाकिस्तानियों या फिर पाकिस्तान के पीछे छुपने की धूर्तता कर रहा है..

और मैं ऐसा मान सकता हूँ कि राजनीति के गिरते स्तर के मद्देनज़र चोर को पप्पू के पीछे छुपने की कोशिश करना तो बनता ही था.. क्योंकि फंसता घबराता मरता क्या ना करता.. पर पाकिस्तान की आड़ के पीछे छुपने की धूर्तता तो बर्दाश्त के बहार ही होनी चाहिए..

और मेरा ऐसा भी मानना है कि चोर चौकीदार भले ही पप्पू या किसी कोंग्रेसी या किसी विरोधी पार्टी के नेताओं को अपना जवाब या भोंडी सफाई दे या ना भी दे - पर उसकी अपनी ही पार्टी के अरुण शौरी यशवंत सिन्हा शत्रुघ्न सिन्हा सुब्रमण्यम स्वामी आदि बड़े नेताओं के प्रश्नों का जवाब तो देना ही चाहिए..

और साथ ही जब स्वतंत्र रवीश कुमार या अभिसार शर्मा या पुण्य प्रसून वाजपेई या विनोद दुआ या प्रशांत भूषण जैसे अनन्य लोग - या फिर अब तो मेन स्ट्रीम गोदी चैनल वाले सरदाना या अंजना जैसे कुख्यात एंकर भी - या चोर के सर पर चढ़ कर चोर के बाल नोचती 'द वायर' जैसी अन्य मीडिया चैनल्स भी - या छाती पर मूंग दल रही 'आप' पार्टी भी - अब जब सार्वजनिक रूप से कुछ सीधे सपाट स्वस्थ आवश्यक सार्थक स्वाभाविक जाहिर प्रश्न पूछते ही जा रहे हैं - तो फिर तो जवाब देना बनता है..

और मजे की बात तो ये है कि भले ही जवाब देते ना भी बने तो भी जवाब देना तो बनता ही है.. और यदि जवाब देते नहीं बना है तो फिर तो जवाब देना ही पड़ेगा.. आखिर अब बच के कहाँ जाओगे बच्चू ??..

जॉनी वॉकर का एक फ़िल्मी डायलॉग याद दिलाता हूँ.. ध्यान से सुनना और याद रखना.. 
" कब तक छुपेगी कैरी, पत्तों की आड़ में,
एक न एक दिन तो आना ही पड़ेगा बिकने बाज़ार में "..

और यदि मुझ जैसा एक परिपक्व आम आदमी भी तुमसे सवाल पूछने लगा है तो फिर तो तुमको गालियां खा-खा कर जवाब उगलना होगा और बताना होगा कि..

राफेल के भाव तीन गुना से भी ज्यादा क्यों बढ़े ??.. 
तेल के भाव क्यों बढ़े.. राफेल जैसी चोरी के असर के कारण ही ना ??..
रुपया और चोर औंधे मुंह क्यों गिरे.. राफेल जैसी चोरी की वजह से ही ना ??..
ये "चौकीदार चोर है" फिल्म में खलनायक चरित्र अभिनेता अनिल अम्बानी की एंट्री कब हुई और किसके कहने पर हुई और क्यों हुई ??..
और राफेल विमानों की संख्या १२६ के बजाय ३६ क्यों और किसकी सनक या धमक के कारण हुई ??..
और बाकी आवश्यक बची संख्या ९० जहाज क्या अनिल अम्बानी का कोई रिश्तेदार बनाएगा या पर्रिकर या निर्मला या शाह या स्मृति या रविशंकर या जेटली बनाएगा ??..

या फिर बाकी ९० जहाज कहीं चोर चौकीदार खुद तो नहीं बनाएगा ??..
और यदि बनाएगा तो क्या आलू की फैक्ट्री में बनाएगा.. या नागपुर की संस्कारित धरती पर - या भारत के क्योटो में - या पतंजलि में - या गुजरात की साबरमती नदी पर तैरते हुए जहाज पर - या वडनगर स्टेशन पर बनाएगा ??..

या फिर ललित मोदी विजय माल्या नीरव मोदी मेहुल चौकसी जैसे हर भगोड़े को कहा जाएगा कि जो भारत वापस आना चाहता हो उसका स्वागत है.. बशर्ते वो दीनदयाल या गोलवलकर या अटल जी की जयंती के दिन राफेल विमानों पर 'राफेल' की जगह 'वंदे मातरम' पुतवा कर एक हाथ में तिरंगा झंडा और दूसरे हाथ में कमल का फूल थामे माँ भारती की पावन धरती के एक चिन्हित भाग सिक्क्म एयरपोर्ट पर उतरे.. और अपना राफेल विमान प्रधानसेवक या रक्षामंत्री या वायु सेनाध्यक्ष या ठेकाप्राप्त चहेते ठेकेदार अंबानी को सौंप अपने चिरपरिचित काम धंधे से लगे !!..??..

और हाँ मेरी मायूस भक्तों को भी नसीहत है कि भले ही अचम्भित कुपात्रा के नेतृत्व में उछलते रहो कूदते रहो चोर-चोर डकैत-डकैत चिल्लाते रहो.. रोते रहो विलापते रहो गुर्राते भी रहो.. पर ध्यान रहे जो प्रश्न मैने पूछे हैं उनका जवाब देने का कुप्रयास बिल्कुल मत करना और बिल्कुल चुप रहना.. और वो इसलिए कि जब पुलिस एक चोर से तफ्तीश कर रही हो तो दूसरे उठाईगिरे या चंगू-मंगू को बीच-बीच में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से बचना होता है.. नहीं तो डंडा चोर के साथ-साथ टुच्चे उठाईगिरे के पिछवाड़े भी पड़ जाता है..

समझे !!.. !! जय हिन्द !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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