Thursday 19 January 2017

/.. जलीकट्टू प्रतिबंध के खिलाफ तो जबरदस्त प्रदर्शन हो गया .. मानो कोई जीवन मरण का प्रश्न खड़ा हो गया हो .. या किसी कट्टू की जल गई हो .. .. और मुझे तो अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि प्रतिबंध इंसानों के हित में किया गया है या जानवरों के .. और यदि इंसानों के हित में किया गया है तो इंसान जानवरों जैसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं - और यदि जानवरों के हित में किया गया है तो ये इंसान इतने जल कुट क्यों रहे हैं ?? .. और यदि न्यायालय द्वारा प्रतिबंध इंसानों और जानवरों दोनों के हितों को ध्यान में रख कर लगाया गया है तो अब ये नेता प्रदर्शन को प्रोत्साहित कर सांड जैसे क्यों सरपट चेन्नई से दिल्ली दौड़ रहे हैं ?? .. और हमारे चरखेवाले क्यों उनको समय दे रहे हैं ?? .. .. मित्रो !! मुझे एक आईडिया आया है .. यदि ये नेता जलीकट्टू के पक्ष में हैं तो क्यों ना एक दिन नेताओं से भीड़ भरे इलाके में कुछ सांड खुल्ले छोड़ इन्हें जलील-कट्टू होने दिया जाए .. हाँ नहीं तो ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


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