Tuesday 3 November 2015

// गनीमत है गरीब बच्चे ने 'दारू पार्टी' में 'बीफ' नहीं खाया था .. अन्यथा ?? ..//


समाचारों के अनुसार - व्यापमिया शिवराज की कबीना मन्त्राणि कुसुम मेहदेले ने एक गरीब भीख मांगते बच्चे को 'दुल्लती' मार दी थी ( शायद 'गधों' के विशेषाधिकारों का हरण करते हुए ) ....

बवाल मचना था मचा .... सफाई आनी थी आई ....

समाचारों के अनुसार - मन्त्राणि ने शायद तब 'सूंघते' हुए अब यह आरोप जड़ दिया है कि लड़का शराब के नशे में था ( शायद 'कुत्तों' के विशेषाधिकारों का हरण करते हुए ) ....

जांच बैठनी थी - जांच बैठ गई ....

समाचारों के अनुसार - मुख्यमंत्री जी ने कह दिया है कि मन्त्राणि से स्पष्टीकरण माँगा था - जो आ गया है - अब जांच करेंगे और उसके बाद ही कुछ करेंगे ( शायद लोमड़ी के विशेषाधिकारों का हरण करते हुए ) ....

इंसानों के विशेषाधिकारों का उपयोग करते मैं प्रश्न करता हूँ कि ....

आज की तारीख में नेताओं के पाँव तो वही पड़ेगा जो या तो मूर्ख होगा या धूर्त होगा - या फिर नशे में होगा या लाचार होगा या भूखा होगा .... पर प्रश्न तो यह है कि मन्त्राणि ने उसे 'दुल्लती' क्यों मारी ????

आज की तारीख में इस देश में यदि किन्हीं अपात्र लोगों की गरीबों के पैसों से सुरक्षा हो रही है तो वो टुच्चे नेताओं और मंत्रियों की हो रही है .... निश्चित ही मन्त्राणि के साथ भी सिक्योरिटी की फ़ौज थी ही .... तो प्रश्न तो यह है कि क्या सुरक्षा कर्मचारी नशे में नहीं थे जो एक दारू पिया भिखारी बच्चा मन्त्राणि के चरणों तक पहुँच गया ???? यदि हाँ तो कुत्तों के विशेषाधिकारों का उपयोग तब क्यों नहीं हुआ ????

कुछ और प्रश्न - कुछ और महत्वपूर्ण ....

मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था इतनी चरमरा क्यों गई है कि यहां लोग खुले आम दिन में दारू पीकर घूमते पाए जाते हैं ????

मध्यप्रदेश की सामाजिक व्यवस्था इतनी दयनीय क्यों हो गई है कि यहां नाबालिग दारू के नशे में लड़खड़ाते भीख मांगते रहते हैं ????

मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति क्या थोड़ी बहुत सुधर गई है कि गरीब नाबालिग भिखारी के पास भी दारू पीने के लिए पैसे आ जाते हैं ?? या इतनी ज्यादा सुधर गई है कि कोई टुच्चा धन्ना सेठ उसे फ़ोकट में दारू पिला देता है ???? 

मुझे लगता है कि जो जांच बैठी है - उक्त खड़े-खड़े प्रश्नों पर बैठ जाएगी .... और सत्ता के नशे में चूर जवाबदार कई जंगली जानवरों के विशेषाधिकारों का हरण करते हुए गरीब भूखे बच्चे का 'नशा' उतार कर ही दम लेंगे ....

आखिर बच्चे ने नशे में मन्त्राणि के चरणों में गिरकर भीख मांगने का पाप जो किया था ?? ....

वो तो गनीमत है कि गरीब बच्चे ने 'दारू पार्टी' में 'बीफ' नहीं खाया था .... अन्यथा तो ....????

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