Tuesday 24 November 2015

// आमिर खान के विरोध में असहिष्णु बयानों से असहिष्णुता और बढ़ेगी ..//


एक बयान आया - आमिर खान का .... बयान भी लम्बा चौड़ा .... जिसका लुब्बेलुबाब ये कि - देश का माहौल बिगड़ रहा है असहिष्णुता बढ़ी है जिसकी वजह से वे परेशान हैं असुरक्षित महसूस करने लगे हैं .... आदि !!

प्रतिक्रिया में बयान बहादुरों के बयानों की भी लाइन लग बढ़ने लगी है ....
प्रतिक्रियात्मक बयान देने वालों में शामिल हैं - अनुपम खेर - अशोक पंडित - मिनाक्षी लेखी - शाहनवाज़ हुसैन - साक्षी महाराज - निरंजन ज्योति - मनोज तिवारी - परेश रावल - मुख्तार अब्बास नक़वी ....
और बयानों का स्तर भी बयान देने वालों के घटिया स्तर से मेल खाता हुआ ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

आमिर खान के विरोध में आ रहे असहिष्णु बयानों की वजह से .... माहौल और बिगड़ेगा असहिष्णुता और बढ़ेगी जिसकी वजह से लोग और परेशान होंगे और पहले से ज्यादा असुरक्षित महसूस करेंगे ....

फिर समाधान क्या ??

पागल लोगों के पास समाधान होता ही नहीं है .... इसलिए समझदारों को पागलों को दरकिनार करना होगा .... समाधान अपने आप निकल आएगा !!!!

और हाँ आमिर खान की पत्नी कौन से देश में जाना चाहेंगी इस प्रश्न पर किसी को परेशान होने की ज़रुरत नहीं होनी चाहिए .... वे "मानवीय आधार" पर इंग्लैंड सहित पूरे विश्व में कहीं भी जाने का अधिकार रखती हैं .... और हिन्दुस्तान में भी रहने का अधिकार रखती हैं .... क्योंकि हिन्दुस्तान हिन्दुस्तानियों का है - हिन्दुस्तान ना तो पाकिस्तानियों का है और ना किसी सांप्रदायिक पागल के बाप का ....

आशा है मेरी प्रतिक्रिया भी बढ़ती असहिष्णुता के परिप्रेक्ष्य में ही देखी और समझी जाएगी ....

3 comments:

  1. असहिष्णुता के मायने और असर :
    देश भर में असहिष्णुता पर चर्चा हो रहो रही नए नये बयान आ रहे हैं . इसे तीन तथ्यों के आधार पर देखें और समझे
    1. हमारे प्रधान मंत्री देश देश जा कर विदेशी निवेश लाने के लिए प्रयासरत है ..
    2. हमारे कुछ बीजेपी सांसद और मंत्री ऐसे बयां दे रहे हैं जैसे पाकिस्तान चले जाओ यह मत खाओ हिन्दुतान में यह खाने वाले नहीं रह सकते ..
    3. विदेश में अधिकतर लोग सामान्यता झूठ नहीं बोलते .. वो जो बोलते हैं वही करते हैं ... और इसलिए विदेशी ऐसा मानते हैं आप जो कह रहे हैं वह ही करेंगे.
    जो विदेश से भारत में निवेश करेगा या तो विदेश में रहने वाला भारतीय होगा या विदेशी होगा ...
    अगर भारतीय होगा तो उसको ये बयां सुन कर लगता होगा पता नहीं कब भारत में दंगे हो जाये और उसका निवेश भारत में डूब जाये ...उसकी जान को खतरा हो जाए ..
    अगर विदेशी होगा ये बयां सुन कर तो सोचेगा उसे भारत में असहिष्णु लोग मिलेंगे और उसके खाने और पहनने की आदतो के कारण पता नहीं कब उसकी जान को खतरा हो जाए .. ऐसी कमाई का क्या करना जिसके लिए जान का जोखिम हो
    यही कारण है मोदी जी के दौरों के बाद भी अब तक कोई बड़ी प्रवासी भारतीय या विदेशी कंपनी भारत में निवेश ले कर नहीं आई है .. अगर देश में विदेशी निवेश चाहिए तो बीजेपी सांसदों और मंत्रियों के ऐसे बयां पर जल्द जल्द लगाम लगनी चाहिए

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    2. बिलकुल सही कहा आपने ....
      विशेषकर - " विदेश में अधिकतर लोग सामान्यता झूठ नहीं बोलते .. वो जो बोलते हैं वही करते हैं ... और इसलिए विदेशी ऐसा मानते हैं आप जो कह रहे हैं वह ही करेंगे."

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