Sunday 29 November 2015

// मोदी के "मन की बात" .. और तारीफें ....//


आज हमारे मोदी जी की 'मन की बात' सहिष्णुता के साथ पुनः सुनी गई ....

मैं निश्चित नहीं कर पा रहा हूँ कि मैनें एक प्रधानमंत्री को सुना या किसी बिन-डिग्रीधारक बड़बोले कृषि वैज्ञानिक को ....

फिर बात सुनी कि 'अंगदान' में स्वयं मोदी जी कितना बड़ा योगदान कर चुके हैं - वो भी अपने सभी अंगों को यथावत रखते हुए ....

फिर मोदी जी ने भूमिका बांधते हुए - और बिल गेट्स को भी तारीफ में लपेटते हुए - "आशा वर्कर" जमनामणि की उन्मुक्त तारीफ करी ....

फिर देश के संकुचित विषयों से बाहर निकल विश्व की जलवायु संबंधित बातें करीं - 'ज़ी टीवी' और 'नूरजहाँ' की 'सोलर लालटेन' हेतु तारीफ करी ....

फिर आदतन - '3E'  की ना मालूम कौन सी तुकबंदी करी .... इ फॉर .. इ फॉर .. इ फॉर ....

और अंत में बता गए - सर्दी आ गई है - व्यायाम और योग करें ....

सब कुछ सुन लगा ये 'मन की बात' कम और शीत माहौल में तारीफ करने की बात अधिक थी ....
और मैं मोदी जी को इतनी उन्मुक्त तारीफों के लिए बधाई और धन्यवाद देता हूँ ....

पर काश मैं मोदी जी की भी ऐसे ही तारीफ कर पाता - उनके किसी कर्म कार्य या कृत्य के लिए .... ना कि उनके द्वारा की जाने वाली मात्र तारीफों के लिए .... काश मैं भी कह पाता कि 'जमनामणि' और 'नूरजहाँ' और 'बिल गेट्स' के साथ साथ 'नरेंद्र मोदी' भी काबिलेतारीफ - किसी भी अच्छी "आशा वर्कर" के समतुल्य .... काश !!

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