Wednesday 4 November 2015

// तब तुम कहाँ थे .... ?? ....//


आजकल तीन प्रश्न बहुत प्रचलन में हैं ....
प्र.क्र. १ .... आप कैसे हैं ?
प्र.क्र. २ .... बिहार चुनाव के नतीजे क्या होंगे ?
प्र.क्र. ३ .... १९८४ में जब दंगे हुए थे तब आप कहाँ थे ?

आज मेरा मूड हुआ तीनों प्रश्नों के उत्तर दे ही दूँ ....

उ.क्र. १ .... मैं मजे में हूँ - मैं ठीक हूँ - शारीरिक रूप से स्वस्थ हूँ - मानसिक रूप से पूर्ण रूप से स्वस्थ हूँ - इतना स्वस्थ कि कई पागलों के दिमाग का दहीं बना कर रखा है ....
उ.क्र. २ .... नितीश जीतेंगे और मोदी हारेंगे ....
उ.क्र. ३ .... तब मैं नीमच में था और अपनी शासकीय सेवा का निर्वहन करते हुए एक पुल की कॉंक्रीटिंग   करा रहा था .... ना मैंने दंगे कराए थे - ना मैंने दंगे रोकने के कोई प्रयास किये थे - ना मैंने दंगे के विरोध में कुछ भी लिखा था .... मैं तो अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में खपा हुआ था ....
पर सब कुछ खोल के सुन लो - ये देश तुम्हारे बाप का नहीं और मैं पाकिस्तानी नहीं .... समझे !!!! 

तीनों उत्तर देने के उपरान्त मेरे प्रतिप्रश्न ....

प्र.प्र.क्र. १ .... ये तुम्हें क्या हो गया है - तुम इतने पगला क्यों गए हो ??
प्र.प्र.क्र. २ .... ये मोदी बिहार चुनाव हार क्यों रहे हैं ??
प्र.प्र.क्र. ३ .... क्या तुम १९८४ के पहले की पैदाइश हो या बाद की - यदि पहले की हो तो जब १९८४ में दंगे हुए थे तब तुम्हारे बाप कहाँ थे ? और यदि बाद की हो तो तुम भी तो बताओ की तुम कहाँ थे ? .... क्या तुम दंगे कर रहे थे या करा रहे थे ? या फिर पगले जैसे चिल्ला रहे थे ? या फिर मेरे जैसे ही अपने काम से लगे थे ??

मुझे मालूम है तुमको प्रश्न पूछना आते पर जवाब देते नहीं बनता - इसलिए मेरे प्रतिप्रश्नों का प्रतिउत्तर भी सुन लो ....

प्र.उ.क्र. १ .... तुम पगला इसलिए गए हो क्योंकि तुम्हारे दिमाग में साम्प्रदायिकता का ज़हर भर दिया गया है ....
प्र.उ.क्र. २ .... मोदी बिहार में चुनाव इसलिए हारेंगे क्योंकि दादरी जैसी घटना पर उनके दरबारी बड़बड़ा गए पर वे स्वयं चुप्पी साध गए - और लालू से जुबान लड़ा गए - और बहुत ज्यादा चुनावी रैलियां कर अपनी औकात बता गए ....
प्र.उ.क्र. ३ .... और अच्छा हुआ तुम १९४७ के पहले पैदा नहीं हुए - नहीं तो देश आज भी गुलाम ही होता ....

समझे !!!! कुछ संपट पड़ी की नहीं ????

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