Monday 23 November 2015

// ये कैसी श्रद्धांजलि ?? .. ये कैसा संकल्प ?? .. वो कौन सा मंदिर ?? ..//


विश्व हिंदू परिषद के चीफ अशोक सिंघल जी का १७ नवंबर को गुड़गांव के एक अस्पताल में दुःखद निधन हो गया था .... सर्वप्रथम उन्हें श्रद्धांजलि !!!!

परन्तु अशोक सिंघल जी की याद में हुई शोक सभा के दौरान आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि - राम मंदिर बनाना ही सिंघल जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी .... हमें राम मंदिर बनाने का संकल्प लेना होगा ....

देश में नब्बे के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन चलाने और विश्व हिंदू परिषद की पहचान कायम करने का श्रेय स्वर्गीय सिंघल जी को ही जाता है .... और राम मंदिर आंदोलन के उस दौर में छह दिसंबर १९९२ को अयोध्या में बाबरी मस्जिद या विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था .... और तब से मामला सुप्रीम कोर्ट में है .... और विवादित स्थल पर यथास्थिति कायम है .... कोर्ट के विवेक एवं निर्देशानुसार ....

उपरोक्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में कम से कम मुझे तो स्पष्ट होता है कि विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए या नहीं - या फिर होगा या नहीं - ये निर्भर करेगा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर .... और निर्भर करना भी चाहिए ....

अस्तु अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को स्वर्गीय सिंघल जी की आत्मा को दी जाने वाली श्रद्धांजलि से जोड़ देना मुझे घोर आपत्तिजनक एवं घृणित दूषित सोच का परिचायक लगता है ....

मुझे लगता है कि यदि ऐसे ही श्रद्धांजलियों का दौर चल पड़ेगा तो इस देश का हर चौराहा मूर्तियों से या मज़ारों से या स्मारकों से पट सा जाएगा - और बहुत जल्दी ही ये देश "श्रद्धांजलि" बदौलत हिन्दू राष्ट्र या इस्लामिक राज्य बन जाएगा ....

या हो सकता है "श्रद्धांजलि" की भेंट चढ़ आधा देश कब्रिस्तान और आधा शमशानघाट बन जाए .... जहां मुर्दे मुर्दों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे होंगे - किसी मंदिर या मस्जिद निर्माण या पुनर्निर्माण के संकल्प के साथ ....

इतनी घृणित मानसिकता को तो मैं बस धिक्कार ही सकता हूँ - और बस यही कामना कर सकता हूँ कि ऐसी मानसिकता का अंत हो .... बिना किसी श्रद्धांजलि !!!!

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