Monday 9 November 2015

// मोदी के गृहमंत्री वित्तीय आश्वासन दे रहे हैं .... वित्तमंत्री क्या कर रहे हैं ?? ..//


बिहार में हार हो गई - बावजूद एक लाख पच्चीस हज़ार करोड़ के पैकेज की घोषणा के बाद ....

और क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने निहायत फूहड़ चालाकी से ये बात अपनी रैलियों में कही थी कि कोई गाडी यदि कुँए में गिर जाए तो उसे बाहर निकालने में दो इंजन लगेंगे - एक केंद्र का और एक राज्य का - एक इंजन से ये काम नहीं होगा ....

अब भले ही आप ऐसी फूहड़ता वाले फूहड़ दिमाग पर तरस खा लें - पर मैं समझता हूँ कि आम आदमी भी मोदी क्या कहना चाहते हैं वो समझ गया था .... यानि वो मोदी की धमकी समझ गया था कि भलाई चाहते हो तो बिहार में भी भाजपा की सरकार चुनो - नहीं तो .... नहीं तो ? .... नहीं तो ?? .... नहीं तो मतलब साफ़ था कि भूल जाना पैकेज वैकेज को .... समझे ????

और इसलिए बिहार में मोदी की इज़्ज़त की भी बेइज़्ज़ती होने के बाद यह बात सबको आशंकित कर रही है कि अब मोदीछाप घोषित एक लाख पच्चीस हज़ार करोड़ के पैकेज का क्या होगा ????

वैसे मुझे तो भरोसा है कि मोदी ये पैकेज देने वाले नहीं - पर देना ही होगा ....

इसलिए इस महत्वपूर्ण विषय पर वक्तव्य तो बनता था ....
और वक्तव्य आया - राजनाथ सिंह का .... बोले बिहार पैकेज का पूरा पैसा दिया जाएगा ....

अब प्रश्न नया खड़ा होता है - कि ये वक्तव्य गृहमंत्री राजनाथ सिंह क्यों दे रहे हैं ?? .. जबकि मोदी सरकार में मौन मोदी के अलावा बाकायदा एक वित्तमंत्री भी है - जिसका नाम अरुण जेटली है ....

प्रश्न का जवाब मैं देता हूँ .... अब अध्यक्ष पद से हटाए राजनाथ सिंह भी कुढ़े सड़े ही लगते हैं - और वो भी अजब गजब जादू अमित शाह से पिंड छुड़ा एक बार फिर अध्यक्ष बनना चाहते होंगे .... और उन्हें मालुम है कि मोदी-जेटली बिहार को एक पैसा नहीं देना चाहेंगे - इसलिए .... अब वो बोलो जिसका विरोध नहीं हो सके और जो मोदी-शाह को असहज कर दे ..... ठेठ "शत्रु स्टाइल" में जो मोदी को "डायनामिक-डैशिंग" बोल-बोल कर उनकी रेड़ मार दिए हैं - लालू से भी ज्यादा लल्लू बना दिए हैं .... बेचारे मोदी !!!!

1 comment:

  1. मैं आपको येह करेक्ट करना चाहूँगा - सबको पता है की मोदी ने सिर्फ ऐलान किया था - ये पैकेज उन्होंने ने न तो जीतने पर देना था और न अब हारने पर देंगे ....न ही वोह कश्मीर को देंगे ... सबको मूर्ख बनाते हैं यह नेता लोग, जनता यह समझ चुकी है, देना है तो दो न सीधे सीधे, घोषणा घोषणा वादे वादे ......नहीं चलेगा. गरीब की सब्सिडी ख़त्म करो और उद्योगपतियों को राहत दो यह मजाक नहीं तो क्या है.

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