Friday 27 November 2015

// चारा - बनाम - कोयला //


बहुत गलत हुआ - कोई चारा चोर से गले मिल लिया .... हाय !! बहुत गलत हुआ रे !!!! .... शायद कोई खिचड़ी पकी होगी ?? .. या रायता फैला होगा ??

पर क्या कोयला चोर को घर पर चाय पर बुलाना गलत नहीं .... गलत तो है .... पर शायद एक चायवाले के लिए ना भी हो ....

वैसे भी दलील दी जा सकती है कि चारा चोरी तो पशुओं पर अत्याचार है - पर कोयला चोरी से तो किसी को सीधे सीधे फर्क नहीं पड़ता है - जैसे यदि लमो मानवीय आधार पर उनकी पत्नी को देखने इधर उधर घूम लेते हैं तो किसी को सीधे सीधे क्यों फर्क पड़ना चाहिए था ....

तो बात सीधी सीधी है - आज चाय का न्यौता दिया है - शाम ४ बजे - न्यौता मंज़ूर कर लिया गया है - और आज शाम जब हम और आप भी चाय पी रहे होंगे - तब संभव है कोई चाय के नाम पर खिचड़ी पका ले .... क्या है "चाय" तो बस जुमला है .... और चायवाला भी चारेवाले जैसे ही खिचड़ी पकाने में माहिर !!!! .... नहीं क्या ????

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