Friday 27 November 2015

// "सेक्युलर" शब्द को छोड़िये - दुरुपयोग तो "विकास" शब्द का हुआ है ?? ..//


कल राजनाथ सिंह ने संसद में कहा - " आज की राजनीति में सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) शब्द का सर्वाधिक दुरुपयोग हो रहा है - और यह दुरुपयोग रूकना चाहिए " ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

" सेक्युलर " शब्द तो अपने आप में ही एक अच्छा सार्थक शब्द है - ठीक वैसे ही जैसे "विकास" ....

और मेरे हिसाब से तो सबसे ज्यादा दुरुपयोग "विकास" शब्द का हुआ है - और वो भी पिछले २ वर्षों में मोदी जी द्वारा .... इसी "विकास" शब्द का जाप करते करते वो सत्ता तक हथिया ले गए - और आज उस पर काबिज़ बने हुए हैं बिना इत्तू सा भी "विकास" किये ....

इसके अलावा भी जिन शब्दों का मोदी जी द्वारा असीमित दुरुपयोग किया वो हैं ....
"भाइयों और बहनों" - "चाइये कि नी चाइये" - "मैं विश्वास दिलाता हूँ" .... और - "रोजगार" - "कालाधन" - "बुलेट ट्रेन" - "स्मार्ट सिटी" - "गंगा" - "हिन्दू" - "बिजली" - "शिक्षा" .... आदि !!!!    

दुरुपयोग इसलिए कि मोदी जी पिछले २ साल से यही तो चिल्लाते रहे हैं कि - भाइयों और बहनों विकास "चाइये कि नी चाइये" - रोजगार - कालाधन - बुलेट ट्रेन - स्मार्ट सिटी - निर्मल गंगा - बिजली - शिक्षा "चाइये कि नी चाइये" .... और जनता उत्साह में पूरी ताकत से जवाब देती रही कि - "हाँ चाहिए" - "बिलकुल चाहिए" ....

पर मोदी जी ने अभी तक जो जनता को चाहिए था वो तो नहीं दिया - पर जो दिया वो है - कुछ शौचालय - कई गरीबों को बैंक की खाली पास बुक - और बाबाजी का ठुल्लु - !!!!

और मोदी जी के भक्तों ने क्या किया ?? .... पहले पिल पड़े "लव जेहाद" पर - फिर "हिदुस्तान-पाकिस्तान" - फिर घर वापसी - फिर हिन्दू राष्ट्र - फिर गौमाँस - फिर आरक्षण समीक्षा - फिर सहिष्णुता असहिष्णुता .... और अब सारे शिगूफे मुहँ के बल औंधे गिर पिटने के बाद ये नया शिगूफा शुरू किया है - "सेक्युलर" शब्द के बारे में ....

इसलिए मेरा मानना है कि यदि आज की राजनीति में "सेक्युलर" शब्द का सर्वाधिक दुरुपयोग करने कि चेष्टा शुरू हुई है तो वो चेष्टा शुरू की गई है - राजनाथसिंह द्वारा - मोदी द्वारा - भाजपा द्वारा ....

इसलिए आज मेरी बारी - आज मैं पूछता हूँ - "भाइयों और बहनों आपको देश में अमन चैन और विकास चाहिए कि नहीं ?? .... यदि चाहिए तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि इस "सेक्युलर" शब्द पर की जाने वाली ओछी राजनीति का प्रतिकार करियेगा और इस "विकास" नाम का दुरपयोग करने वालों को अब और सहन मत करियेगा - आपको अमन चैन और विकास मिल ही जाएगा ....

और याद रखियेगा कि ये देश "सेक्युलर" था - है - रहना चाहिए - और रहेगा .... और इस देश की असली ताकत ही "सेक्युलर" होने के कारण है .... ना तो हिन्दू बाहुल्य होने के कारण और ना ही अल्पसंख्यक मुसलामानों के कारण - और ना ही किसी कट्टरपंथी नेताओं या पार्टियों के कारण ....

"सेक्युलर" इस देश की आत्मा है - इसलिए इस देश की आत्मा को ठेस ना पहुंचे - इसके लिए सावधान !!!!

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