Thursday 19 November 2015

// अब "चोरी का धंधा" और "धर्म का धंधा" बंद करना ही पड़ेगा ....//


मित्रो कई बार जानबूझकर सोचे समझे तरीके से अपनी अपनी सहूलियत अनुसार भटका दी गई और नकार दी गई मुद्दों की बातों को समझने के लिए कुछ भटकना भी पड़ता है .... फ्रांस जैसी घटनाओं के सबसे अहम् मुद्दे पर बात करने के लिए आज मेरा छोटा सा प्रयास ....

शायद कालांतर की ही बात है - रियासत में एक चोरी हो गई - संवेदनहीन चोरी - जिसने सुना हिल उठा - राजा दरबारी मंत्री संत्री हवलदार दरोगा रसूखदार गरीब छोटे बड़े चोर उचक्के - यानि सब संवेदनहीन चोरी पर बतियाने लगे - चर्चाएं चरम पर - विवेचना भी चरम पर - और बहस जा पहुंची चोरों के प्रिय स्थान यानि जेल की चारदीवारी के अंदर - सभी काबिल एक्सपर्ट चोर भी पिल पड़े चोरी प्रकरण को सुलझाने .... और अंततः स्पष्ट हो गया कि चोरी किसने की .... चोर था राज्य का ही सबसे शातिर चोर - "कल्लन चोर" ....
पर कल्लन चोर तो जेल में था .... और जब चोरी हुई तब भी वो जेल में था - और चोरी जेल के बाहर हुई थी .... यानि स्पष्ट सुलझा मामला उलझ गया या उलझा गया या उलझाया गया या कुछ उलझ सा गया .... और ठन्डे बस्ते हो गया .... नतीजा ?? .... कल्लन मजे में .... कल्लन के लल्लन हुए - लल्लन के लल्लू और फिर लल्लू के कल्लू के कालू - यानी कुनबा फलता फूलता रहा ....
और धंधा चलता रहा .... जी हाँ !! .. "चोरी का धंधा" !!!!

शायद उससे भी कहीं अधिक संवेदनहीन आतंकी घटना अभी घटित हो गई फ्रांस में - कई निरपराध यूँ  हीं मार दिए गए - बस यूँ ही !! .... जिसने सुना हिल उठा - वैश्विक नेता और सरकारें और पूरी दुनिया और सारे आतंकवादी संगठन और धार्मिक संगठन और धार्मिक नेता - यानि सब संवेदनहीन घटना पर बतियाने लगे - चर्चाएं चरम पर - विवेचना भी चरम पर - और बहस जा पहुंची चौपालों पे - धर्मी-अधर्मी राजनैतिक-अराजनैतिक सब कूद पड़े ....चौपाल यानि आज के सबसे प्रिय माध्यम टीवी की चारदीवारी के अंदर - सभी काबिल एक्सपर्ट धार्मिक राजनैतिक भी पिल पड़े इस आतंकी प्रकरण को सुलझाने .... और अंततः जो स्पष्ट था उसे सपष्ट कर दिया गया कि ये आतंकी हमला था और आतंकी थे "ISIS" से जुड़े - जिसमें "I" का मतलब "Islamic" हो गया - और इस्लाम एक धर्म .... यानि आतंक फैलाने वाले थे आज विश्व के सबसे खौफनाक आतंकी - "धार्मिक आतंकी" ....धर्म की आड़ में आतंक फ़ैलाने वाले ....

पर ........... पर अब फिर सब शुरू हो गए - "बट-किन्तु-परन्तु" - और टेके .... जैसे कि "धर्म" का आतंक से क्या लेना देना ?? आतंक का कोई धर्म नहीं होता - इस्लाम तो आतंक के खिलाफ है - हिन्दू धर्म भी आतंक के खिलाफ - इसलिए ये धर्म इस आतंकवादी घटना का दोषी कैसे ???? .... ठीक वैसे ही जैसे "कल्लन चोर" जेल में रहते चोरी का दोषी कैसे ????
और धंधा चल रहा है .... जी हाँ !! .. "धर्म का धंधा" !!!! 

पर मित्रो मेरी विवेचना स्पष्ट कर दूँ .... चोरी शातिर "कल्लन चोर" ने ही की थी .... और आज के हर आतंकवाद की जड़ में ये तथाकथित "धर्म" ही है .... कल्लन के लल्लन हुए - और धर्म के अनेक सम्प्रदाय और संगठन और ठेकेदार - हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सांई राधेमाँ महाराज गुरु महाराज बापू भगवन शंकराचार्य योगी साधू साध्वी मौलवी पंडित पादरी हिन्दू महासभा इस्लामिक लीग - और ना जाने क्या क्या .... यानि ना जाने कितने ही "कल्लू" और कितने ही "लल्लू" .... अनगिनत !!!!

इसलिए अब "चोरी का धंधा" और "धर्म का धंधा" बंद करना ही पड़ेगा .... कालान्तर के शातिर "कल्लन चोर" का पर्दाफाश करना ही होगा .... और वर्तमान में "धर्म" के पर्यायवाची या सामानांतर चलने वाले इन छद्म धर्मों का भी पर्दाफाश कर इन्हें उखाड़ फेंकना ही होगा .... कानून का राज्य और इंसानियत का माहौल तभी काबिज़ हो सकेगा ....

पुनश्चः अपराध और धर्म का भी अजीब घालमेल है .... अपराध आदि के सभी साक्ष्य कब सिद्ध हो पाते हैं - और धर्म के दावे भी कब कौन सिद्ध कर पाया है .... बस सब कुछ हवा-हवा सा ही तो है .... कुछ यथार्थ होता तो इतने व्यापक धार्मिक प्रसार के बाद अपराध होते ही क्यों ?? और धर्म से जुड़े अपराध ???? तौबा !! तौबा !!!!

1 comment:

  1. Good Sattire ! Allow me to share my new craft in support of your text as follows....“Modi-Obama ‘Dosti’ is Eclipsed by Pirated Gita Version of Mahatma Gandhi”

    http://beyondheadlines.in/2015/11/modi-obama-dosti/

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