Saturday 21 July 2018

// क्या कल की "संसदीय लिंचिंग".. समलैंगिकता धारा ३७७ का उल्लंघन नहीं ??.. //


कल भरे सदन में.. 
एक छोटे छड़े ने एक बड़े छड़े पीएम को छेड़ दिया..
और तुम बात करते हो बेटियों महिलाओं की सुरक्षा की ??..

यानि जनता के सरोकार के सभी मुद्दे छोड़ सभी बात यही कर रहे हैं कि किसने किसको छेड़ दिया और कौन किससे छिड़ गया..
पर जनता के पैसे पर हुई १२ घंटे की मशक्क़त में किसने कौन से प्रश्न छोड़ दिए और किसने कौन से प्रश्नों के जवाब छोड़ दिए इस बारे में तो कोई बात ही नहीं कर रहा..

तो लगे हाथ एक दो प्रश्न मुझे भी छोड़ने की अनुमति हो..

अभी समलैंगिकता को अपराध मानने वाली धारा ३७७ के विरुद्ध प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और बहस पूरी हो निर्णय आना लंबित है..
तो क्या इसी बीच दो छड़ों का खुल्लेआम संसद के अंदर ऐसी पप्पी झप्पी और आँख मटक्कम क्या धारा ३७७ के तहत अपराध की श्रेणी में या कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में नहीं आता ??..

मेरा प्रश्न छोड़ने का उद्देश्य यही है कि क्या इस देश में कोई गरीब जनता के मुद्दों को भी तवज्जो देगा कि नहीं ??

कल संसद में "संसदीय लिंचिंग" हो गई.. और हर कोई मज़े ले रहा है.. है ना !!..

पर आज देश में गौरक्षा के नाम पर एक और "हत्यारी लिंचिंग" हो गई..
क्या एक भी जिम्मेवार टुच्चा क्षुब्ध नज़र आ रहा है ??..

या फिर क्या राफेल जहाज डील के बारे में जनता को संतोषजनक जानकारी तथ्य या जवाब मिल गए ??..
सोचिएगा !!.. दो छड़ों के सरोकारों से ऊपर उठकर भी कुछ सोचिएगा !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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