Thursday 19 July 2018

// एलोवेरा - बनाम - मोदी .. ..//


यदि आप ये सोच रहे हैं कि मैं एलोवेरा और मोदी दोनों के फायदे गिनाने वाला हूँ तो आप गलत हैं - क्योंकि एलोवेरा तो उपयोगी और फायदेमंद मान लिया गया है - पर मोदी अनुपयोगी और हानिकारक..

पर फिर भी दोनों में समानताएं हैं.. एलोवेरा और मोदी दिखते टनटनाट हैं और दोनों के कांटे भी ऊपर से ही दिख जाते हैं..

फिर दोनों ही पिछले ४-५ साल में बहुत चर्चा में रहे..
और दोनों की ही गजब की मार्केटिंग हुई..

जिस सामान्य साधारण उपयोगी एलोवेरा की कोई विशेष डिमांड नहीं थी देखते-देखते ऐसी डिमांड हुई कि लगता है एलोवेरा बिना कोई औषधि नहीं कोई खाद्य पेय व्यंजन नहीं और ज़िंदगी ज़िंदगानी नहीं..
ठीक वैसे ही जैसे एक चाय बेचने वाले सामान्य साधारण मोदी की ऐसी डिमांड बढ़ी जैसे कि इसके अलावा तो किसी समस्या का हल ही नहीं और इसका तो कोई विकल्प ही नहीं और भक्तों की तो इसके बिना कोई भक्ति नहीं और औकात भी नहीं..

और एलोवेरा और मोदी दोनों को सफल बनाने में सोशल मीडिया का बहुत बड़ा हाथ रहा.. जब देखो तब व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी पर सैकड़ों वैद्यराज और भक्त दिन भर पेलते रहते हैं..
और सरकारी विज्ञापनों में भी एक तरफ मोदी का एक ठूंठ जैसा चेहरा चिपका रहता है - और एलोवेरा के ज्यादातर विज्ञापनों में दो ठूंठों के चेहरे चिपके रहते हैं और लिखा रहता है दो घूँट जिंदगी के..

अब तो हद्द यहाँ तक हो गई है कि किसी भी प्रकार की बीमारी या सौंदर्य प्रसाधन की कोई भी क्रीम हो तो उसे एलोवेरा युक्त ही बताया जाता है.. और देश की कोई भी उत्पन्न की गई समस्या हो तो उसका समाधान भी मोदी युक्त ही बताया जाता है..

और आगे क्या भरोसा.. एलोवेरा युक्त पान गुटखा सिगरेट चाय कॉफी और दारू को सेहत के लिए उपयोगी बताया जाएगा.. और गुप्त रोगों के समाधान के लिए भी मोदी को ही विशेषज्ञ बताया जाएगा..

खैर मैं तो मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हूँ - और इसलिए - मुझे ना तो उपयोगी एलोवेरा की कोई जरूरत है.. और ना ही अनुपयोगी मोदी मुझे पसंद है.. बाकी आपकी आप जानें - और भक्त अपनी जानें.. है ना !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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